भारत में अब चीतों को लेकर एक नए प्लान पर विचार किया जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब देश में उत्तरी अफ्रीका से चीते लाने की चर्चा शुरू हो गई है. नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीतों के बीमार होने और कुछ चीतों की मौत होने के चलते ये फैसला लिया जा सकता है. बताया जा रहा है कि भारतीय वातावरण के लिहाज से उत्तरी अफ्रीका के चीते काफी अनुकूल हैं. हालांकि जब तक इस प्लान पर आखिरी मुहर नहीं लगती तब तक दक्षिण अफ्रीका से ही चीते लाए जाएंगे.
अधिकारी ने बताया कि ब्रिटेन और अमेरिका सहित कई अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने कहा कि वे उत्तरी अफ्रीका से चीते अपने देश में ले गए एवं उन्होंने भारत से भी ऐसा ही करने की सिफारिश की है। चीता परियोजना के प्रमुख एवं पर्यावरण मंत्रालय में अतिरिक्त महानिदेशक (वन) एस.पी.यादव ने कहा, ‘‘ उत्तर अफ्रीका से चीते लाने के विचार पर चर्चा की जा रही है लेकिन चीतों की अगली खेप दक्षिण अफ्रीका से आएगी।’’ उन्होंने कहा कि भारत की योजना ऐसे चीतों को देश में लाने की है जिनकी त्वचा पर घने फर न विकसित हो और इसके पीछे का कारण कुछ चीतों में फर की वजह से संक्रमण है जिसकी वजह से उनमें से तीन की मौत हो गई थी। ऐतिहासिक रूप से उत्तरी अफ्रीका में चीते पाए जाते हैं लेकिन इस क्षेत्र में उनकी संख्या में तेजी से कमी आ रही है और कई उत्तरी अफ्रीकी देशों में माना जाता है कि चीते विलुप्त हो गए हैं या विलुप्त होने के कगार पर है।
बता दें कि भारत में जून से सितंबर तक मानसून का समय होता है, लेकिन अफ्रीका में इस दौरान सर्दियां होती हैं. इसके चलते कई चीतों में फर उग आए. जिसके बाद संक्रमण फैलने से उनकी मौत हो गई.