“रायपुर में डबल मर्डर के बाद गुस्साए परिवार ने किया सड़क जाम, पुलिस की कार्रवाई पर उठे सवाल”

 रायपुर :  राजधानी रायपुर में सोमवार रात को हुए डबल मर्डर ने शहर में हड़कंप मचा दिया है। इस वारदात के बाद मृतक हरीश साहू के परिजनों ने मंगलवार की शाम राजधानी के विधानसभा रोड स्वर्णभूमि के पास रायपुर-बलौदाबाजार मुख्य मार्ग को जाम कर दिया, जिससे सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं और यातायात पूरी तरह से ठप हो गया। पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें बदसलूकी का सामना कराया और जातिसूचक गालियां दीं। परिवार का कहना है कि जब तक पुलिस अपने कृत्य के लिए माफी नहीं मांगती और थाना प्रभारी को निलंबित नहीं किया जाता, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।

मृतक हरीश साहू के परिजनों ने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि पुलिस ने न केवल आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की, बल्कि रातभर उन्हें थाने में बंद करके प्रताड़ित किया और अभद्रता की। पन्ना लाल साहू, हरीश के परिवार के एक सदस्य, ने कहा कि पुलिस को आरोपियों पर कार्रवाई करनी चाहिए, लेकिन इसके बजाय पीड़ित परिवार को ही परेशान किया गया। लक्ष्मीनाथ साहू ने भी आरोप लगाया कि पुलिस ने समाज के लोगों के साथ जातिगत गाली-गलौज की, जिसे वे सहन नहीं करेंगे। उन्होंने दोषी थाना प्रभारी के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की है। वहीं, भारत साहू ने कहा कि क्षेत्र में शराब भट्टी के कारण विवाद और झगड़े बढ़ते हैं और इसे तुरंत बंद किया जाना चाहिए। उनका कहना था कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक वे विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे।

गौरतलब है कि सोमवार, 18 नवंबर को विधानसभा थाना क्षेत्र स्थित आमासिवनी शराब दुकान के पास एक गैंगवॉर हुआ था। इस घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया, जिसमें दिखाया गया कि हरीश साहू और उसके साथियों ने रोहित सागर पर चाकू और लाठियों से हमला किया था, जिससे रोहित की मौत हो गई। इसके बाद रोहित गैंग के सदस्य गुस्से में आ गए और उन्होंने हरीश को घर से बाहर खींचकर किडनैप कर लिया। आरोपियों ने हरीश को खालबाड़ा स्थित एक जगह पर ले जाकर उसे एक कुर्सी से बांधकर टॉर्चर किया। इस दौरान हरीश पर चाकू से कई हमले किए गए, जिसके कारण उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

यह घटना राजधानी में अपराध की स्थिति को लेकर गंभीर सवाल उठाती है, वहीं पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। अब देखना यह है कि पुलिस और प्रशासन इस मामले में आगे क्या कदम उठाते हैं और पीड़ित परिवार को न्याय मिलता है या नहीं।