महायज्ञ में अदाणी का सेवाभाव: गीता प्रेस के साथ आरती संग्रह की एक करोड़ प्रतियां वितरित करने की पहल
अहमदाबाद : शुक्रवार को प्रसिद्ध उद्योगपति गौतम अदाणी ने गीता प्रेस के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। इस अवसर पर गीता प्रेस के पदाधिकारियों ने अदाणी को प्रेस में छपी आरती संग्रह और अन्य धार्मिक साहित्य भेंट किया। इस प्रेरणादायक मुलाकात ने भारतीय संस्कृति, धर्म, और सेवा के प्रति अदाणी के समर्पण को उजागर किया।
महाकुंभ 2025, भारतीय धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक विरासत का महायज्ञ, 13 जनवरी 2025 से 26 फरवरी 2025 तक आयोजित होगा। इस भव्य आयोजन में गौतम अदाणी और उनकी कंपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रही है। उन्होंने गीता प्रेस के साथ मिलकर श्रद्धालुओं के लिए ‘आरती संग्रह’ की एक करोड़ प्रतियां नि:शुल्क वितरित करने का संकल्प लिया है। यह पहल देश की आध्यात्मिक संपत्ति और श्रद्धालुओं की सेवा को समर्पित है।
गौतम अदाणी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा, “महाकुंभ भारतीय संस्कृति और धार्मिक आस्था का महायज्ञ है। इस पवित्र आयोजन में भाग लेना मेरे लिए सम्मान और संतुष्टि की बात है। गीता प्रेस, जो पिछले 100 वर्षों से सनातन साहित्य के माध्यम से राष्ट्र की सेवा कर रहा है, के सहयोग से हम ‘आरती संग्रह’ की एक करोड़ प्रतियां कुम्भ में श्रद्धालुओं को अर्पित कर रहे हैं।” उन्होंने गीता प्रेस के उत्कृष्ट सेवा कार्यों के प्रति अपना आभार और प्रशंसा भी प्रकट की।
महाकुंभ में गौतम अदाणी की सेवा केवल पुस्तकों तक सीमित नहीं है। उन्होंने इस्कॉन (ISKCON) के सहयोग से ‘महाप्रसाद सेवा’ शुरू करने की भी घोषणा की है। इस सेवा के तहत कुम्भ मेले में लाखों श्रद्धालुओं को नि:शुल्क भोजन वितरित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह सेवा मां अन्नपूर्णा के आशीर्वाद से संभव हो रही है। इस परियोजना को साकार करने के लिए अदाणी ने इस्कॉन के गुरु प्रसाद स्वामी से मुलाकात की और उनके सेवा भाव से प्रेरित होने की बात कही।
इस दौरान अदाणी ने सेवा के महत्व को स्पष्ट करते हुए लिखा, “सेवा ही परमात्मा है। कुंभ सेवा की तपोभूमि है, जहां हर हाथ स्वतः परमार्थ में जुट जाता है। यह मेरा सौभाग्य है कि इस महायज्ञ में मुझे धर्म और सेवा का हिस्सा बनने का अवसर मिल रहा है।” उन्होंने इस पहल को राष्ट्रप्रेम और मानव सेवा का सर्वोच्च स्वरूप बताया।
गीता प्रेस और अदाणी ग्रुप के इस महायज्ञ में शामिल होने से यह स्पष्ट है कि भारतीय संस्कृति और धार्मिक आस्था को लेकर बड़ी संस्थाएं भी अपने सामाजिक दायित्व को निभाने के लिए पूरी तरह समर्पित हैं। इस पहल ने न केवल महाकुंभ में सेवा के नए आयाम जोड़े हैं, बल्कि देशभर के करोड़ों श्रद्धालुओं के दिलों में गहरी छाप छोड़ी है।
महाकुंभ 2025 न केवल धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक धरोहर का जीवंत उदाहरण है। अदाणी और गीता प्रेस के इस संयुक्त प्रयास ने इसे और भी भव्य और ऐतिहासिक बना दिया है। इस पहल से सेवा और धर्म के प्रति उनकी गहरी आस्था और समर्पण का संदेश भी उजागर होता है, जो निश्चित रूप से आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बनेगा।