बधौरा गौशाला में गायों की मौत, जिम्मेदार मौन

सिंगरौली जिले के ग्राम बधौरा से मानवता और सिस्टम दोनों की संवेदनहीनता को उजागर करने वाली एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसमें भूख और प्यास से दो दर्जन से ज्यादा गायों की मौत हो गई। यह गौशाला, जिसे पहले करीब 300 से 400 गायों के लिए बनाया गया था, अब मौत और उपेक्षा का प्रतीक बन गई है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में गौशाला के भीतर बिखरे हुए मृत गायों के शव और तड़पती हुई जीवित गायें दिखाई दे रही हैं। ग्रामीणों का कहना है कि गौशाला कई दिनों से बंद पड़ी थी, न चारा आया, न पानी, और गायें भूख-प्यास से तड़पती रहीं, एक-एक कर दम तोड़ती गईं। मरने के बाद कुछ शवों को पास ही जेसीबी से खुदवाकर दफनाया गया, जबकि कई को दूर फेंक दिया गया। स्थानीय लोगों ने यह भी बताया कि सरकार की ओर से गौशालाओं के लिए करोड़ों रुपये खर्च दिखाए जाते हैं, लेकिन जमीन पर एक मुट्ठी भूसा तक नहीं पहुंचता। अब भी करीब 50 गायें जिंदा हैं, लेकिन उनके पास न चारा है, न पानी। इस पूरे मामले में जिला पंचायत, पशुपालन विभाग और सरपंच तीनों मौन हैं और कोई जांच या कार्रवाई नहीं हुई। मीडिया की पहुंच के बाद ही कुछ हलचल हुई और सांसद डॉ. राजेश मिश्रा ने जांच का आश्वासन दिया, लेकिन ग्रामीणों का सवाल यह है कि हर बार जांच होती है, दोषी बच निकलते हैं और बेजुबान फिर मरते रहते हैं। बधौरा की यह गौशाला केवल गायों की मौत की जगह नहीं है, बल्कि यह सिस्टम की संवेदनहीनता और भ्रष्टाचार की जीवंत मिसाल बन गई है, जहां गौ माता भूख-प्यास से तड़प रही हैं और जिम्मेदार तमाशबीन बने बैठे हैं।