शिवनाथ सिंचाई मंडल में विभागीय निर्देशों की उपेक्षा कर पेवर लाइनिंग की शर्त लगाकर दिया जा रहा करोड़ो का ठेका

रायपुर। जल संसाधन विभाग में इन दिनों अपने चाहते ठेकेदारों को ठेका देने के लिए अधिकारियो का एक समूह काम कर रहा है। किसी भी ठेके को दिलाने के लिए इस समय ई टेंडर की शर्ते भी बदल दी जाती है। दरअसल ऐसा ही मामला शिवनाथ सिंचाई मंडल दुर्ग के भीतर हुआ है। जिसमे प्री क्वालिफिकेशन टेंडर में सभी निविदा की शर्ते बदल दी गई है।
सूत्रों की माने तो कुछ लोगों ने दबे मुंह इसकी शिकायत विभाग को की है। इसकी शिकायत विभाग के बड़े अधिकारियो और विभाग के मंत्री मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से भी की गई है।
सीएम से की गई शिकायत के मुताबिक विभागीय तकनीकि निर्देश क्र. 038/BODHI/TC/2003 रायपुर दिनांक 29.04.2015 में जल संसाधन विभाग के सभी उच्च अधिकारी द्वारा हस्ताक्षर करते हुए उपरोक्त निर्देश पत्र जारी किया गया था। जिसमें स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि सीमेंट कांक्रीट लाईनिंग निर्माण कार्य मे पेवर का उपयोग सिर्फ उसी कार्य में किया जा सकता है जब नहरो का डिसचार्ज 10 क्यूमेक्स से अधिक हो एवं नहर की (Bed Width) चौड़ाई 3 मी. से अधिक हो।
शिकयतकर्ता के मुताबिक NIT के तहत लगाई गई नहर निमार्ण निविदा में पानी का डिस्चार्ज 10 क्यूमेक्स से कम है। इसलिए पेवर लाईनिंग की शर्त लगाना नियम विरूद्ध है व सीधे-सीधे चहेते ठेकेदार को लाभ पहुंचाने की ओर इंगित करता है।

शिकयकर्ता ने लिखा है कि भारसाधक मंत्री आपकी संज्ञान में लाना चाहता हूँ कि इस प्रदेश में काफी ठेकेदार है जो वर्षों से लाईनिंग का कार्य कर रहे है ये सभी निविदा में भाग लेने से वंचित हो जायेंगे व निविदा में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा नही होगी। जिस कारण अत्याधिक ऊंचे दर पर निविदा भरी जावेगी। जिससे सरकार को करोड़ो का नुकसान होगा व निविदा में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होगी तब शासन को करोड़ो का लाभ पहुंचेगा।
उन्होंने आगे लिखा है कि उपरोक्त निविदा में चल रहे षडयंत्र को रोकते हुए तत्काल पेवर लाईनिंग की शर्त व मात्रा को हटाने का कष्ट करें। व सूक्ष्म जांच कराते हुए निविदा में संशोधन जारी कर घटित होने वाले बहुत बड़े स्कैम से विभाग को बचाने की कृपा करें।

बता दें कि निविदा के प्रथम कॉल में एक ही ठेकेदार की निविदा आने के बाद 2nd कॉल कर दिया गया है जिसकी अंतिम तिथि कल 11/09/2025 है।जिसमे भी सिंगल निविदा ऊंचे दर परआएगी।
ऐसा प्रतीत होता है कि जलसंसाधन विभाग ने ठान लिया है कि हम सिंगल टेंडर ओर ऊंचे दर पर ही अवार्ड करेंगे। सरकार को क्षति पहुँचती है तो पहुचे।