स्वरा भास्कर से यूजर्स ने पूछा फहद के रंग ना लगाने का कारण, एक्ट्रेस ने दिया बेबाक जवाब!
बॉलीवुड अभिनेत्री स्वरा भास्कर अपनी बेबाक राय और सामाजिक मुद्दों पर खुलकर बोलने के लिए जानी जाती हैं। हाल ही में होली के मौके पर उन्होंने अपने परिवार के साथ इस रंगों के त्योहार का आनंद लिया और कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा कीं। इन तस्वीरों में स्वरा भास्कर, उनके पति फहद अहमद और उनकी बेटी राबिया नजर आ रहे थे। तस्वीरों में जहां स्वरा और उनकी बेटी ने अपने चेहरे पर रंग लगाया हुआ था, वहीं उनके पति फहद अहमद बिना रंगों के नजर आए। यह देखते ही सोशल मीडिया पर लोगों ने इस पर प्रतिक्रिया देना शुरू कर दिया। कई यूजर्स ने सवाल किया कि फहद अहमद ने होली में रंग क्यों नहीं लगाया? कुछ ने इसे ट्रोलिंग का मुद्दा भी बना लिया।
एक यूजर ने कमेंट करते हुए लिखा, “अरे पतिदेव ने रंग नहीं लगाया?” वहीं, दूसरे यूजर ने इसे लेकर व्यंग्यात्मक टिप्पणी की, “अंध भक्त का सवाल, तुम्हारे पति ने रंग क्यों नहीं लगाया?” इस तरह के सवालों की झड़ी लगते ही स्वरा भास्कर ने भी बहुत ही शांत और समझदारी भरा जवाब दिया। उन्होंने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी के जरिए लिखा, “होली की शुभकामनाएं। आपको याद दिला दूं: यह मुमकिन है कि लोग हमारे त्योहार को मनाएं, बिना किसी जबरदस्ती के। उन्हें अपने त्योहार में शामिल होने की स्वतंत्रता होनी चाहिए।”
स्वरा का यह जवाब उनके सोचने के तरीके को दर्शाता है, जहां वह धार्मिक सहिष्णुता और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की बात करती हैं। उन्होंने यह साफ कर दिया कि त्योहार को किसी पर थोपने की जरूरत नहीं होती, बल्कि हर व्यक्ति को अपनी मर्जी से त्योहार मनाने का हक मिलना चाहिए। दरअसल, फहद अहमद ने रमजान के चलते रंग नहीं लगाया था, लेकिन उन्होंने इस उत्सव में शामिल होकर परिवार के साथ खुशी साझा की।
स्वरा भास्कर और फहद अहमद की शादी फरवरी 2023 में हुई थी। शादी के बाद से ही यह जोड़ा लगातार सुर्खियों में बना रहा, खासकर स्वरा को एक मुस्लिम से शादी करने के कारण कई बार ट्रोल किया गया। हालांकि, इस ट्रोलिंग का उन पर कोई खास असर नहीं पड़ा और उन्होंने अपनी शादी को खुलकर सेलिब्रेट किया। शादी के दौरान दोनों ने अपने-अपने संस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं के अनुसार कार्यक्रम आयोजित किए, जिनमें हल्दी, मेहंदी और कव्वाली नाइट भी शामिल थी।
स्वरा भास्कर को सोशल मीडिया पर अक्सर ट्रोलिंग का सामना करना पड़ता है, लेकिन वह हर बार अपने आलोचकों को ठोस और तार्किक जवाब देकर चुप करा देती हैं। वह हमेशा से सामाजिक मुद्दों पर अपनी राय रखने से पीछे नहीं हटतीं और इसी कारण वह सोशल मीडिया पर चर्चाओं में बनी रहती हैं। इस बार भी उन्होंने बिना किसी विवाद में पड़े, होली को लेकर अपने विचार स्पष्ट किए और साबित किया कि त्योहार का असली उद्देश्य खुशी और सौहार्द्र को बढ़ावा देना है, न कि किसी पर जबरदस्ती अपनी मान्यताओं को थोपना।