हरियाणा नगर निगम चुनाव: भाजपा का दबदबा बरकरार, 10 में से 9 सीटों पर जीत; मानेसर में निर्दलीय ने चौंकाया, कांग्रेस का सूपड़ा साफ
हरियाणा: हरियाणा में 10 नगर निगमों के मेयर चुनाव के नतीजे आ चुके हैं, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 9 नगर निगमों में जीत दर्ज की है। हालांकि, मानेसर नगर निगम में निर्दलीय उम्मीदवार डॉ. इंद्रजीत यादव ने भाजपा को कड़ी टक्कर देते हुए जीत हासिल की। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी सुंदर लाल को हराया। दिलचस्प बात यह रही कि चुनाव प्रचार के दौरान इंद्रजीत यादव ने खुद को केंद्रीय राज्यमंत्री और गुरुग्राम से भाजपा सांसद राव इंद्रजीत का करीबी बताकर प्रचार किया था। बाकी नगर निगमों की बात करें तो रोहतक, हिसार, करनाल, अंबाला, सोनीपत और फरीदाबाद में भाजपा ने अपनी स्थिति मजबूत बनाए रखते हुए कांग्रेस को करारी शिकस्त दी।
कांग्रेस के लिए यह चुनाव बेहद निराशाजनक रहा, क्योंकि वह किसी भी नगर निगम में जीत हासिल नहीं कर सकी। रोहतक में तीन बार विधानसभा चुनाव हार चुके भाजपा उम्मीदवार रामअवतार वाल्मीकि ने कांग्रेस के सूरजमल किलोई को 45,191 वोटों के बड़े अंतर से हराकर मेयर पद पर कब्जा जमा लिया। इस चुनाव में दिलचस्प बात यह रही कि जिन जाट बाहुल्य वार्डों में लोकसभा और विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बढ़त मिली थी, वहां इस बार भाजपा का प्रदर्शन कांग्रेस से कहीं बेहतर रहा। खासतौर पर नॉन-जाट बाहुल्य क्षेत्रों में भाजपा की जीत बेहद मजबूत रही, जबकि कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा। 13 राउंड तक चली मतगणना में कांग्रेस एक भी राउंड में भाजपा को टक्कर नहीं दे सकी।
चुनाव प्रचार के मामले में भी भाजपा कांग्रेस से कहीं आगे रही। भाजपा ने पूरे चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी, जबकि कांग्रेस में अपेक्षित उत्साह नजर नहीं आया। प्रदेश में कांग्रेस के सबसे बड़े नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा प्रचार में नजर नहीं आए। उनकी जगह सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने मोर्चा संभाला, लेकिन इसका ज्यादा असर नहीं दिखा। कांग्रेस के विधायक बीबी बतरा और शकुंतला खटक ही अपने-अपने हलकों में प्रचार करते दिखे, लेकिन पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की निष्क्रियता साफ नजर आई। दूसरी ओर, भाजपा ने चुनाव को पूरी गंभीरता से लिया। मुख्यमंत्री नायब सैनी खुद मेयर प्रत्याशियों के नामांकन के समय मौजूद रहे और रोहतक से ही निकाय चुनाव के लिए भाजपा का संकल्प पत्र जारी किया गया। इसके अलावा, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली, मंत्री अरविंद शर्मा, कृष्णलाल पंवार, कृष्ण बेदी, श्रुति चौधरी, विधानसभा के उपाध्यक्ष कृष्णलाल मिड्ढा और पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर ने भी प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी।
नगर निगम चुनावों में भाजपा की इस जीत को 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनावों के मद्देनजर एक महत्वपूर्ण संकेत माना जा रहा है। यह जीत न केवल भाजपा के जनाधार को दर्शाती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि कांग्रेस अभी भी राज्य में भाजपा को कड़ी चुनौती देने की स्थिति में नहीं है। वहीं, निर्दलीय उम्मीदवार इंद्रजीत यादव की जीत यह दिखाती है कि कुछ क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर प्रभाव रखने वाले उम्मीदवारों का दबदबा कायम है। अब देखने वाली बात होगी कि क्या यह निकाय चुनाव के नतीजे आगामी चुनावों में भी इसी तरह के रुझान पेश करेंगे या राजनीतिक समीकरणों में कोई बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।