ब्रिटेन में जयशंकर का कूटनीतिक प्रहार: पाकिस्तानी पत्रकार के भ्रामक सवाल पर दिया करारा जवाब, भारत का पक्ष दमदार
लंदन: ब्रिटेन के दौरे पर गए भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने लंदन स्थित चैथम हाउस थिंक टैंक में भारत की विदेश नीति, कश्मीर मुद्दे और अमेरिका की रणनीतिक नीतियों पर खुलकर बात की। इस दौरान जब एक पाकिस्तानी पत्रकार ने कश्मीर पर भारत के रुख पर सवाल उठाया और इसे “अवैध कब्जा” करार दिया, तो जयशंकर ने बेबाकी से जवाब देते हुए कहा कि भारत ने कश्मीर समस्या को काफी हद तक सुलझा लिया है। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाना इस दिशा में पहला और ऐतिहासिक कदम था, जिससे जम्मू-कश्मीर में विकास की नई संभावनाओं के द्वार खुले हैं। उन्होंने आगे कहा कि क्षेत्र में राजनीतिक स्थिरता बनाए रखने के लिए आर्थिक गतिविधियों और सामाजिक न्याय को मजबूत किया गया है। जयशंकर ने अपने जवाब में यह भी स्पष्ट किया कि अब अगला कदम पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) को भारत में वापस लाना होगा, क्योंकि वही कश्मीर समस्या का अंतिम समाधान होगा। उनके इस बयान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी सराहा जा रहा है और सोशल मीडिया पर भी इसकी चर्चा हो रही है।
चैथम हाउस में दिए गए भाषण के दौरान जयशंकर ने अमेरिका की नीति पर भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बहुध्रुवीयता (multipolarity) को बढ़ावा दे रहे हैं, जो भारत के लिए एक सकारात्मक संकेत है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत और अमेरिका व्यापार समझौते पर सहमत हैं और दोनों देशों के संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं। उन्होंने क्वाड (QUAD) गठबंधन का भी जिक्र किया, जिसमें अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं। जयशंकर के अनुसार, यह गठबंधन वैश्विक स्थिरता और संतुलन बनाए रखने की दिशा में एक अहम पहल है।
ब्रिटेन यात्रा के दौरान एस. जयशंकर ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर और विदेश मंत्री डेविड लैमी से भी मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने भारत-ब्रिटेन द्विपक्षीय संबंधों, व्यापारिक सहयोग और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की। उनके इस दौरे का उद्देश्य भारत और ब्रिटेन के बीच कूटनीतिक और रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करना है।
हालांकि, जयशंकर के कश्मीर को लेकर दिए गए बयान पर भारत के भीतर भी अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता तनवीर सादिक ने कहा कि यदि कश्मीर का हल वास्तव में इतना आसान है, तो यह एक अच्छी बात है, लेकिन उन्होंने इस मामले को बातचीत से हल करने पर जोर दिया। वहीं, सीपीएम विधायक मोहम्मद यूसुफ तारिगामी ने कहा कि जयशंकर की बातों से ऐसा लगता है कि अनुच्छेद 370 का अस्तित्व अब भी बना हुआ है। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर का पुनर्गठन करते हुए इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया, जिससे कई सवाल खड़े होते हैं।
जयशंकर की इस यात्रा और उनके बयानों ने एक बार फिर कश्मीर को लेकर वैश्विक स्तर पर चर्चा छेड़ दी है। भारत सरकार का यह स्पष्ट रुख है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा था, है और रहेगा, और पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर को वापस लाना ही इस मुद्दे का वास्तविक समाधान होगा।