विधान परिषद में सीएम योगी का महाकुंभ पर जोरदार संबोधन, बोले- यह आयोजन दुनिया में सनातन संस्कृति की भव्यता का प्रतीक बना

लखनऊ:  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी के बजट सत्र के दौरान विधान परिषद को संबोधित करते हुए महाकुंभ 2025 के भव्य आयोजन का उल्लेख किया और इसे एक ऐतिहासिक और यादगार घटना बताया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन पूरे विश्व के लिए चर्चा का विषय बन गया है, जिसे लंबे समय तक याद रखा जाएगा। हालांकि, कुछ राजनीतिक दलों ने इसे लेकर दुष्प्रचार करने की कोशिश की, लेकिन जनता की आस्था पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा। उन्होंने इस आयोजन की सफलता पर जोर देते हुए कहा कि 45 दिनों तक चले महाकुंभ के दौरान किसी भी तरह की लूट, अपहरण या अपराध की घटना सामने नहीं आई, जो कि सनातन परंपरा के अनुशासन और सामाजिक एकता का प्रत्यक्ष प्रमाण है। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग जल प्रदूषण और अन्य छोटे मुद्दों को लेकर महाकुंभ पर सवाल उठा रहे थे, लेकिन उन्हें यह समझना चाहिए कि गंगा भारत के लोगों के लिए केवल एक नदी नहीं, बल्कि एक पवित्र आस्था का केंद्र है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी बहता हुआ जल खुद को पवित्र करता रहता है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ के आर्थिक पहलू पर भी प्रकाश डालते हुए बताया कि इस आयोजन ने प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक नया आयाम दिया है। प्रयागराज में एक नाविक परिवार ने महाकुंभ के दौरान लगभग 30 करोड़ रुपये की कमाई की, जिससे यह स्पष्ट होता है कि इस आयोजन ने स्थानीय व्यापार, पर्यटन और रोजगार के नए अवसर उत्पन्न किए। उनका अनुमान है कि महाकुंभ से उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को लगभग साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये का लाभ हुआ है। इसके अलावा, इस दौरान काशी और अयोध्या में भी पर्यटकों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई, जिससे वहां के स्थानीय व्यापारियों और निवासियों को भी आर्थिक लाभ मिला। उन्होंने इस आयोजन को सफल बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच और उनकी नीतियों की सराहना की, जिन्होंने आस्था को आजीविका से जोड़ने का महत्वपूर्ण कार्य किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुंभ न केवल एक धार्मिक आयोजन था, बल्कि यह सामाजिक समरसता, आर्थिक सशक्तिकरण और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण का एक अनूठा उदाहरण भी था, जिसने पूरे देश और दुनिया में सनातन संस्कृति की महत्ता को और अधिक उजागर किया।