भूपेश बघेल के बयान पर बवाल: बीजेपी ने लगाया सतनामी समाज के अपमान का आरोप
रायपुर : छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने सोमवार को विधानसभा में बजट पेश किया, लेकिन यह बजट भाषण अपने अनोखे अंदाज के कारण चर्चा का विषय बन गया। चौधरी ने अपने संबोधन में केवल आंकड़े और योजनाएं ही नहीं, बल्कि कविताओं, शायरी और छत्तीसगढ़ी तुकबंदियों का भी सहारा लिया, जिससे उनके बजट भाषण में एक अलग तरह की साहित्यिक और सांस्कृतिक छवि उभरकर सामने आई। लगभग पौने दो घंटे चले उनके भाषण में उन्होंने छत्तीसगढ़ के गौरवशाली इतिहास, महान विभूतियों और सांस्कृतिक धरोहर का उल्लेख किया। उन्होंने विशेष रूप से वीर गुंडाधुर और गुरु घासीदास का जिक्र करते हुए उनकी महानता और योगदान को रेखांकित किया। हालांकि, उनके इस शैलीबद्ध बजट भाषण पर विपक्ष ने तंज कसते हुए इसे “सिंगल माइक पॉडकास्ट” और “कवि सम्मेलन” करार दिया।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की इस टिप्पणी के बाद यह मामला और भी गरमाने लगा, जब भाजपा ने इसे प्रदेश के सतनामी समाज और जनजातीय समाज के अपमान से जोड़ दिया। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रमुख अमित चिमनानी ने बघेल के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के लोग अपने दिन की शुरुआत बाबा गुरु घासीदास को प्रणाम करके करते हैं और यहां के वीरों के त्याग और बलिदान को पूरे सम्मान के साथ याद किया जाता है।
उन्होंने यह भी कहा कि वीर गुंडाधुर और शहीद वीर नारायण सिंह का नाम छत्तीसगढ़ की शौर्य गाथाओं में सदा अमर है, और प्रदेश की संस्कृति राम-राम के बदले जय जोहार कहकर अपनी पहचान को बनाए रखती है। चिमनानी ने आगे कहा कि वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने जब अपने बजट भाषण की शुरुआत छत्तीसगढ़ की इन गौरवशाली परंपराओं से की, तो भूपेश बघेल ने इसका उपहास उड़ाकर प्रदेश की संस्कृति और आस्था का अपमान किया है। भाजपा ने इसे न केवल छत्तीसगढ़ के महानायकों की अस्मिता पर प्रहार बताया, बल्कि बघेल से इस कथित अपमान के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की भी मांग की।
यह विवाद राजनीतिक गलियारों में तेज बहस का कारण बन गया है, जहां एक ओर भाजपा इसे छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत और समाज की आस्थाओं से जोड़ रही है, वहीं कांग्रेस इसे केवल एक व्यंग्यात्मक प्रतिक्रिया के रूप में देख रही है। इस पूरे घटनाक्रम ने बजट के मुख्य बिंदुओं से ध्यान हटाकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप को हवा दे दी है, जिससे यह बजट भाषण छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक नया मोड़ लेकर आया है।