बिल गेट्स का बड़ा खुलासा: आधी छोड़ी पढ़ाई पर 50 साल बाद जाहिर किया अफसोस, कहा- ‘अगर डिग्री पूरी करता तो…’
नई दिल्ली: माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर और दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक, बिल गेट्स ने हाल ही में यह कबूल किया कि उन्हें हार्वर्ड यूनिवर्सिटी छोड़ने का अफसोस है। उन्होंने अपनी नई किताब “Source Code” में इस बारे में विस्तार से चर्चा की है। साल 1974 में गेट्स ने अपनी पढ़ाई छोड़कर माइक्रोसॉफ्ट पर पूरा ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया था, जिससे दुनिया को आज का सबसे बड़ा टेक ब्रांड मिला। लेकिन 50 साल बाद, उन्होंने स्वीकार किया कि हार्वर्ड में बिताए गए दिन उनकी जिंदगी के सबसे बेहतरीन पलों में से थे, और वह कभी-कभी वहां वापस लौटने की इच्छा रखते हैं।
गेट्स ने CNBC Make It को दिए एक इंटरव्यू में कहा,
“हार्वर्ड में पढ़ाई का अनुभव बेहद मजेदार था। मैं अपने कोर्स के अलावा भी कई अन्य विषयों की क्लासेस में शामिल होता था साइकोलॉजी, इकोनॉमिक्स, हिस्ट्री जैसी चीजों को पढ़ने का मुझे बहुत शौक था। वहां पर बेहद प्रतिभाशाली लोग थे, जिनके साथ घंटों रोचक चर्चाएं चलती थीं।”
माइक्रोसॉफ्ट की शुरुआत और हार्वर्ड छोड़ने का कठिन निर्णय
बिल गेट्स का कंप्यूटर की दुनिया को बदलने का सपना हाई स्कूल से ही था। उन्हें एहसास हो गया था कि माइक्रोप्रोसेसर टेक्नोलॉजी का भविष्य उज्ज्वल है और कंप्यूटर जल्द ही छोटे, सस्ते और पोर्टेबल बन जाएंगे। 1974 की क्रिसमस ब्रेक के दौरान, उनके कॉलेज दोस्त और माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर पॉल एलन ने उनसे इस बारे में चर्चा की कि वे Altair कंप्यूटर के लिए ऐसा सॉफ्टवेयर बनाएंगे, जिससे टेक्नोलॉजी प्रेमी खुद अपने प्रोग्राम विकसित कर सकें।
यही वह क्षण था जब गेट्स और एलन ने तय कर लिया कि वे पढ़ाई छोड़कर माइक्रोसॉफ्ट की नींव रखेंगे। हालांकि, गेट्स ने शुरू में पढ़ाई के साथ-साथ माइक्रोसॉफ्ट को भी संभालने की कोशिश की और यहां तक कि उन्होंने कंपनी की जिम्मेदारी अपने दोस्त रिक वीलैंड को सौंपने की योजना बनाई। लेकिन जब रिक ने ग्रेजुएट स्कूल जाने का निर्णय लिया, तो गेट्स को समझ आ गया कि अब उन्हें माइक्रोसॉफ्ट पर पूरी तरह ध्यान केंद्रित करना होगा।
इसके बाद उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को छोड़ दिया और पूरी तरह से माइक्रोसॉफ्ट को एक वैश्विक तकनीकी दिग्गज बनाने में लग गए। गेट्स का यह फैसला कंप्यूटर और सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री में एक ऐतिहासिक मोड़ साबित हुआ, जिसने पूरी दुनिया में टेक्नोलॉजी के विकास की दिशा बदल दी।
हार्वर्ड के प्रोफेसर का भी है पछतावा
हालांकि, बिल गेट्स ने हार्वर्ड छोड़कर दुनिया की सबसे सफल टेक कंपनियों में से एक बनाई, लेकिन उनके प्रोफेसर हैरी लुईस को भी इस बात का अफसोस है। उन्होंने कहा,
“मुझे इस बात की हैरानी नहीं हुई जब गेट्स ने हार्वर्ड छोड़ा, लेकिन काश मैंने उन पर निवेश किया होता!”
क्या गेट्स फिर से हार्वर्ड लौटेंगे?
गेट्स के मन में हमेशा से हार्वर्ड लौटने की इच्छा बनी रही, लेकिन माइक्रोसॉफ्ट की सफलता ने उन्हें बेहद व्यस्त कर दिया। अब, 50 साल बाद, उन्होंने पहली बार सार्वजनिक रूप से यह कबूल किया कि उन्हें पढ़ाई अधूरी छोड़ने का पछतावा है। हालांकि, गेट्स की यह कहानी उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणादायक है, जो अपने सपनों को साकार करने के लिए पारंपरिक रास्तों से हटकर जोखिम उठाने के लिए तैयार रहते हैं।