पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की पुण्यतिथि पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अर्पित की श्रद्धांजलि

रायपुर :  छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज अपने निवास कार्यालय में महान विचारक, प्रखर राष्ट्रवादी एवं एकात्म मानववाद के प्रवर्तक पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की पुण्यतिथि के अवसर पर उनके छायाचित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पं. दीनदयाल उपाध्याय जी के योगदान और विचारधारा को याद करते हुए कहा कि उनका संपूर्ण जीवन राष्ट्रसेवा, अंत्योदय और समाज के अंतिम व्यक्ति के उत्थान को समर्पित रहा।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस अवसर पर कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी ने भारतीय राजनीति में एक नई विचारधारा को जन्म दिया, जो अंत्योदय के माध्यम से समाज के वंचित और जरूरतमंद वर्ग के उत्थान की प्रेरणा देती है। उन्होंने कहा कि पं. दीनदयाल उपाध्याय जी ने एकात्म मानववाद का जो दर्शन प्रस्तुत किया, वह आज भी प्रासंगिक है और समाज के समग्र विकास के लिए एक आदर्श मार्गदर्शक सिद्धांत है।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उनका सपना था कि समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति को भी विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जाए और हर व्यक्ति को सम्मानपूर्वक जीवन जीने का अवसर प्राप्त हो। उनकी इस प्रेरणादायी विचारधारा को आत्मसात करते हुए राज्य सरकार गरीबों, किसानों, मजदूरों और समाज के सभी कमजोर तबकों के कल्याण के लिए विभिन्न योजनाओं को क्रियान्वित कर रही है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ को एक सशक्त, समृद्ध और आत्मनिर्भर राज्य बनाने की दिशा में सरकार पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की अंत्योदय की भावना से प्रेरणा लेकर कार्य कर रही है। सरकार द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में अनेक कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं, जिससे समाज के हर वर्ग को लाभ मिल सके।

उन्होंने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि हम सभी मिलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के बताए मार्ग पर चलें और उनकी विचारधारा को आत्मसात करते हुए एक आत्मनिर्भर, सशक्त और उन्नत छत्तीसगढ़ के निर्माण में अपना योगदान दें। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंडित दीनदयाल जी के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य हमारा कर्तव्य है, जिससे समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सके और भारत को आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ाया जा सके।