महाकुंभ हादसे पर अखिलेश यादव का भाजपा पर हमला, बोले- ‘सरकार ने आंकड़े क्यों छिपाए?’
नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लोकसभा में महाकुंभ हादसे का मुद्दा उठाते हुए डबल इंजन सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने इस त्रासदी से जुड़े मृतकों और घायलों के आंकड़े छिपाए और अब तक पीड़ितों को न्याय नहीं मिला। उन्होंने मांग की कि महाकुंभ में हुई भगदड़, अव्यवस्था और आपदा प्रबंधन की वास्तविक स्थिति को उजागर करने के लिए संसद में विस्तृत चर्चा हो।
अखिलेश यादव ने सरकार से पूछे कड़े सवाल
लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान अखिलेश यादव ने महाकुंभ हादसे को लेकर सरकार पर सवालों की बौछार कर दी। उन्होंने कहा,
“सरकार लगातार बजट के आंकड़े दे रही है, लेकिन उसे महाकुंभ में हुई मौतों, घायलों, उनके इलाज, दवाइयों, डॉक्टरों, भोजन-पानी और परिवहन की उपलब्धता के आंकड़े भी देने चाहिए। अगर सरकार दोषी नहीं थी, तो फिर आंकड़े दबाए और मिटाए क्यों गए?”
महाकुंभ हादसे पर अखिलेश की 5 प्रमुख मांगें:
- सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए: महाकुंभ की व्यवस्थाओं और प्रशासनिक चूक पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक की जाए।
- सत्यता उजागर की जाए: महाकुंभ भगदड़ में मारे गए लोगों और घायलों की वास्तविक संख्या का खुलासा किया जाए।
- आपदा प्रबंधन की जिम्मेदारी सेना को मिले: महाकुंभ के आपदा प्रबंधन और खोया-पाया केंद्र की जिम्मेदारी भारतीय सेना को दी जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
- दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो: हादसे के लिए जिम्मेदार अधिकारियों और नेताओं पर सख्त दंडात्मक कार्रवाई की जाए।
- सच्चाई छिपाने वालों को सजा मिले: जो लोग महाकुंभ त्रासदी के आंकड़ों को छिपाने या मिटाने में शामिल थे, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई हो।
‘डबल इंजन सरकार ने हादसे की सच्चाई छिपाई’ – अखिलेश यादव
अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार को घेरते हुए कहा कि महाकुंभ जैसी धार्मिक और ऐतिहासिक आयोजन में जनता की सुरक्षा सर्वोपरि होनी चाहिए। लेकिन इस बार की व्यवस्थाएं इतनी खराब थीं कि हजारों लोगों की जान खतरे में पड़ गई। उन्होंने आरोप लगाया कि,
“भाजपा सरकार सिर्फ अपने विकास के आंकड़े गिनाने में व्यस्त है, लेकिन महाकुंभ में हुई त्रासदी पर कोई जवाब नहीं दे रही। आखिर सरकार को सच बताने में डर क्यों लग रहा है?”
सरकार की चुप्पी पर उठे सवाल
महाकुंभ में हुई भगदड़ और उससे जुड़े आंकड़ों पर भाजपा सरकार की ओर से कोई स्पष्ट जवाब नहीं आया है। विपक्ष का आरोप है कि सरकार इस मामले में सच छिपाने का प्रयास कर रही है।
क्या होगी अगली कार्रवाई?
- क्या सरकार विपक्ष की मांग पर सर्वदलीय बैठक बुलाएगी?
- क्या महाकुंभ हादसे की नए सिरे से जांच होगी?
- क्या सरकार भगदड़ में मारे गए लोगों का सही आंकड़ा संसद में पेश करेगी?
- क्या हादसे के लिए जिम्मेदार अधिकारियों और नेताओं पर कोई सख्त कदम उठाया जाएगा?
महाकुंभ त्रासदी को लेकर अखिलेश यादव का यह बयान चुनावी राजनीति को भी प्रभावित कर सकता है। अब देखना यह होगा कि भाजपा सरकार इस मामले में क्या सफाई देती है और क्या कोई ठोस कदम उठाए जाते हैं या नहीं।