राज्यपाल रमेन डेका और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में रिसर्च लैब का किया निरीक्षण
रायपुर : छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में आज एक महत्वपूर्ण अवसर देखने को मिला, जब राज्यपाल रमेन डेका और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने यहां स्थापित आर. एच. रिछारिया रिसर्च लैब का अवलोकन किया। इस दौरान दोनों नेताओं ने कृषि अनुसंधान से जुड़े विभिन्न नवाचारों और वैज्ञानिक प्रयासों का गहन अध्ययन किया।
रिसर्च लैब का व्यापक निरीक्षण और किसानों के हितों पर चर्चा
राज्यपाल डेका ने रिसर्च लैब में मौजूद विभिन्न अनुभागों का भ्रमण किया और वहां किए जा रहे शोध कार्यों की बारीकियों को समझा। उन्होंने रिसर्च स्कॉलरों, वैज्ञानिकों और विद्यार्थियों से मुलाकात कर उनके शोध कार्यों के उद्देश्यों, उपलब्धियों और चुनौतियों के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि यह प्रयोगशाला राज्य के किसानों के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोल रही है और कृषि क्षेत्र में उन्नत तकनीकों का उपयोग करके उत्पादन और गुणवत्ता दोनों में सुधार किया जा सकता है।
छत्तीसगढ़ में चावल की इंडीजिनस (स्थानीय) किस्मों को बढ़ावा देने पर जोर
राज्यपाल ने छत्तीसगढ़ में चावल की स्थानीय (इंडीजिनस) किस्मों को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने बताया कि देशभर में छत्तीसगढ़ को “धान का कटोरा” कहा जाता है और इस राज्य में चावल की पारंपरिक और पोषणयुक्त किस्मों के संरक्षण व संवर्धन की अपार संभावनाएं हैं।
इस दौरान राज्यपाल ने क्रॉप बायोफोर्टिफिकेशन लैब का भी दौरा किया, जहां संजीवनी राइस, जिंको राइस और न्यूट्री रिच राइस जीनोटाइप जैसी अत्यधिक पोषणयुक्त चावल की किस्मों पर शोध किया जा रहा है। इसके साथ ही, असम से लाए गए बंबू टिशू कल्चर पर किए जा रहे नए प्रयोगों को भी राज्यपाल ने बारीकी से देखा और वैज्ञानिकों से इसके संभावित लाभों पर चर्चा की।
विद्यार्थियों और प्रशिक्षु वैज्ञानिकों से आत्मीय संवाद
अवलोकन के दौरान राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं और देशभर से आए प्रशिक्षु विद्यार्थियों से भी संवाद किया। उन्होंने विद्यार्थियों को कृषि अनुसंधान को लेकर उत्साहित किया और उन्हें प्रेरित करते हुए कहा कि नवाचारों के माध्यम से कृषि क्षेत्र को और अधिक समृद्ध बनाया जा सकता है।
कार्यक्रम में कृषि मंत्री और कुलपति की उपस्थिति
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री रामविचार नेताम और विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल भी उपस्थित रहे। कृषि मंत्री ने इस प्रयोगशाला के योगदान की सराहना की और कहा कि यह रिसर्च सेंटर किसानों की आय बढ़ाने और उन्नत कृषि तकनीकों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय और वैज्ञानिकों के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस तरह की प्रयोगशालाएं देश में कृषि क्षेत्र के विकास में मील का पत्थर साबित हो सकती हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आने वाले वर्षों में यह अनुसंधान केंद्र कृषि क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करेगा और छत्तीसगढ़ के किसानों को अत्याधुनिक तकनीकों से लाभान्वित करेगा।
