डोनाल्ड ट्रंप का विवादित निर्णय: अमेरिकी सेना में ट्रांसजेंडर सैनिकों की भर्ती पर लगाया प्रतिबंध
वॉशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक महत्वपूर्ण कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसमें सेना से संबंधित कई विवादास्पद मुद्दों को उठाया गया है। इस आदेश के तहत अमेरिकी सेना में ट्रांसजेंडर सैनिकों की भर्ती पर संभावित रोक लगाई जा सकती है, और पेंटागन की नीतियों की समीक्षा करने की जिम्मेदारी नए रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ को दी गई है।
वैक्सीन विवादित सैनिकों की बहाली
इस आदेश का एक अन्य पहलू उन सैनिकों से संबंधित है, जिन्हें कोविड-19 महामारी के दौरान वैक्सीन लेने से इनकार करने के कारण नौकरी से हटा दिया गया था। यह नया आदेश इन सैनिकों की फिर से बहाली का रास्ता खोलता है। ट्रंप का कहना है कि वैक्सीन विवाद के चलते सैनिकों को उनकी सेवाओं से वंचित करना अनुचित था और उन्हें उनका हक वापस दिया जाना चाहिए।
मिसाइल डिफेंस शील्ड की योजना
पीट हेगसेथ की नियुक्ति के बाद अमेरिका, अंतरिक्ष में मिसाइल डिफेंस शील्ड तैनात करने जैसे उन्नत सैन्य प्रोजेक्ट्स पर भी ध्यान केंद्रित करेगा। इस पहल का उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा को सुदृढ़ करना और संभावित बाहरी हमलों से अमेरिका की रक्षा क्षमता को मजबूत करना है।
ट्रांसजेंडर सैनिकों पर रोक
राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने आदेश में ट्रांसजेंडर सैनिकों के विषय पर स्पष्ट विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि जैविक लिंग के अलावा किसी अन्य लिंग पहचान के आधार पर सेना में शामिल होने वाले सैनिक “सैनिक के अनुशासित जीवन और सैन्य तैयारियों के लिए हानिकारक” हो सकते हैं। इसके साथ ही, उन्होंने इस मामले को पेंटागन द्वारा समीक्षा का विषय बनाकर नीति को संशोधित करने की दिशा में कदम उठाने को कहा है।
पिछले प्रशासन के फैसलों का पलटाव
गौरतलब है कि अपने पहले कार्यकाल के दौरान, ट्रंप ने सेना में ट्रांसजेंडर भर्ती पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश की थी, लेकिन कानूनी विवादों के कारण इसे लागू नहीं किया जा सका। जो बाइडन प्रशासन ने सत्ता में आने के बाद इस फैसले को पलट दिया था। अब ट्रंप के इस नए आदेश के बाद इस विषय पर फिर से बहस शुरू हो गई है।
सैन्य नीति में बड़े बदलाव के संकेत
यह आदेश अमेरिकी सेना की कई महत्वपूर्ण नीतियों पर प्रभाव डाल सकता है। एक ओर, यह ट्रांसजेंडर मुद्दे और वैक्सीन से जुड़ी बहाली जैसे विवादित मामलों को पुनः प्रकाश में लाता है, वहीं दूसरी ओर, अंतरिक्ष सुरक्षा जैसे उन्नत सैन्य अभियानों पर भी जोर देता है।
ट्रंप के इस आदेश के बाद सैन्य रणनीति और नीतियों पर व्यापक चर्चा की संभावना है। यह निर्णय न केवल वर्तमान सैन्य प्रणाली पर असर डालेगा, बल्कि अमेरिकी समाज और अंतरराष्ट्रीय समुदाय में भी बहस का कारण बनेगा।