सोशल मीडिया पर साझा किए गए पोस्ट में विजयसाई रेड्डी ने स्पष्ट किया कि वह किसी अन्य राजनीतिक पार्टी में शामिल नहीं हो रहे हैं। उन्होंने लिखा, “यह निर्णय मैंने पूरी ईमानदारी और स्वतंत्रता के साथ लिया है। इसमें किसी भी प्रकार की राजनीतिक लाभ, पद या आर्थिक उद्देश्य की कोई भूमिका नहीं है। यह पूरी तरह से मेरा निजी निर्णय है और इसमें कोई बाहरी दबाव या प्रभाव नहीं है।” रेड्डी ने अपनी पोस्ट के जरिए सभी अटकलों को खारिज करने की कोशिश की, जो उनके इस्तीफे के बाद राजनीतिक गलियारों में उठ रही थीं।
रेड्डी, जो लंबे समय से वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के प्रमुख चेहरों में से एक रहे हैं, ने अपनी राजनीतिक यात्रा को विराम देने का निर्णय लेते हुए अपने समर्थकों और शुभचिंतकों को धन्यवाद कहा। उन्होंने अपनी पार्टी और नेताओं को भी शुभकामनाएं दीं और उनके लिए आभार प्रकट किया। रेड्डी ने यह भी कहा कि उनकी इस नई पारी में वह जीवन के अन्य पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
रेड्डी के राजनीति से संन्यास का यह कदम उस समय आया है जब वाईएसआरसीपी आंध्र प्रदेश की राजनीति में अपना वर्चस्व बनाए रखने के लिए संघर्षरत है। ऐसे में उनका इस्तीफा न केवल पार्टी के लिए, बल्कि राज्य की राजनीति के लिए भी एक बड़ा धक्का माना जा रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि यह फैसला व्यक्तिगत जरूर है, लेकिन इसका प्रभाव पार्टी की रणनीति और राज्यसभा में उसके प्रभाव पर पड़ सकता है।
राजनीति छोड़ने के उनके निर्णय ने समर्थकों और राजनीतिक विरोधियों के बीच अनेक सवाल खड़े किए हैं। कुछ लोग इसे उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के अंत के रूप में देख रहे हैं, तो कुछ इसे उनके लिए एक नई शुरुआत के संकेत के रूप में देख रहे हैं।