राजौरी के बुधाल गांव में 17 रहस्यमय मौतों का रहस्य, प्रशासन ने कंटेनमेंट जोन घोषित किया, जांच के बीच स्वास्थ्य संकट बढ़ा

जम्मू-कश्मीर :  जम्मू और कश्मीर के राजौरी जिले के बुधाल गांव में हाल ही में हुई रहस्यमय मौतों की एक चौंकाने वाली श्रृंखला ने प्रशासन और स्वास्थ्य अधिकारियों को हतप्रभ कर दिया है। 8 दिसंबर 2024 से अब तक 17 स्थानीय निवासियों की रहस्यमय परिस्थितियों में मृत्यु हो चुकी है, जिनमें 11 बच्चे शामिल हैं। इस समयावधि के दौरान, 17 जनवरी को हुई अंतिम मौत ने इस अज्ञात बीमारी को लेकर और भी कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

इसके जवाब में, जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने बुधाल गांव को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया है। यह कदम, लोगों के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने और मृत्यु के संभावित प्रसार को रोकने के लिए उठाया गया है। प्रशासन ने क्षेत्र को तीन क्षेत्रों में बांटने के बाद सख्त सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू किए हैं। सभी सार्वजनिक और निजी समारोहों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और प्रभावित परिवारों के घरों को सील कर दिया गया है। साथ ही, विशेष टीमों को वहां फूड डिस्ट्रिब्यूशन और सार्वजनिक स्वास्थ्य निगरानी पर काम सौंपा गया है।

कंटेनमेंट ज़ोन के भीतर स्थितियों की निगरानी करते हुए, प्रशासन ने लोगों को त्वरित सहायता और सुरक्षित भोजन वितरण सुनिश्चित किया है। हालांकि, जब विशेषज्ञों ने इस रहस्यमय मौतों की वजह का पता लगाने के लिए नमूने एकत्र किए, तो किसी भी वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण की पुष्टि नहीं हो सकी, लेकिन मृतकों से लिए गए नमूनों में कुछ विषाक्त पदार्थ पाए गए हैं, जिससे स्वास्थ्य विभाग और अन्य अधिकारी और अधिक सक्रिय हो गए हैं।

स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह मौतें एक रहस्यमय बीमारी के कारण हो रही हैं, जिसका इलाज अब तक खोजा नहीं जा सका है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आदेश पर एक अंतर-मंत्रालयी टीम इस रहस्यमय बीमारी के वास्तविक कारण का पता लगाने के लिए जांच कर रही है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी हाल ही में गांव का दौरा किया और मृतकों के परिवारों को शोक व्यक्त करते हुए सरकार का पूरा समर्थन देने का आश्वासन दिया। उन्होंने इस घटना के सही कारणों का जल्द पता लगाने का वादा किया है और अधिकारियों को अधिक सक्रिय जांच के आदेश दिए हैं।

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने आसपास के गांवों के 3,500 से अधिक लोगों का स्कैनिंग भी की है, लेकिन अभी तक किसी भी संक्रमित व्यक्ति या बीमारी के किसी निशान का पता नहीं चल पाया है। यह घटना न केवल स्थानीय जनता के लिए एक बड़ा संकट बन चुकी है, बल्कि यह रहस्यमय बीमारी पूरे देश के स्वास्थ्य और सुरक्षा विभाग के लिए भी एक गंभीर चुनौती प्रस्तुत कर रही है।