“ISRO का बड़ा कदम: श्रीहरिकोटा में तीसरे लॉन्च पैड के निर्माण को मिली मंजूरी”

नई दिल्ली:  भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के लिए एक महत्वपूर्ण विकास के तहत, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने श्रीहरिकोटा में तीसरे लॉन्च पैड के निर्माण को मंजूरी दे दी है। यह कदम भारतीय अंतरिक्ष मिशनों की क्षमता को और बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, इस परियोजना में कुल 3,985 करोड़ रुपये की लागत आएगी और इसे चार साल के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। श्रीहरिकोटा में इस तीसरे लॉन्च पैड के निर्माण से भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की उपलब्धियां और बढ़ेंगी, क्योंकि यह लॉन्च पैड विशेष रूप से इसरो के नए ‘नेक्स्ट जेनरेशन लॉन्च व्हीकल’ (NGLV) के लिए तैयार किया जाएगा, साथ ही यह श्रीहरिकोटा में पहले से मौजूद दूसरे लॉन्च पैड का बैकअप (स्टैंडबाय) कार्य भी करेगा।

इस लॉन्च पैड के निर्माण से भारत के मानव अंतरिक्ष मिशनों की लॉन्च क्षमता में भी महत्वपूर्ण वृद्धि होगी, क्योंकि इसका डिजाइन इस प्रकार से तैयार किया जाएगा कि यह NGLV और LVM3 जैसे बड़ी क्षमता वाले रॉकेटों का भी समर्थन कर सके, जिनमें सेमीक्रायोजेनिक चरण और NGLV के विस्तारित रूप भी शामिल हैं। यह कदम भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की दिशा में एक और कदम है, जिससे भविष्य में अधिक जटिल और चुनौतीपूर्ण अंतरिक्ष मिशनों को अंजाम देने के लिए इसरो की तैयारियों में और मजबूती आएगी।

इस परियोजना से इसरो को न केवल भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों के लिए ज़रूरी लॉन्च ढांचे की सुविधा मिलेगी, बल्कि यह भारतीय अंतरिक्ष उद्योग की भागीदारी और क्षमताओं में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा। परियोजना की कार्यवाही में मौजूदा लॉन्च कॉम्प्लेक्स की सुविधाओं को भी एकीकृत किया जाएगा, जिससे निर्माण की प्रक्रिया को गति मिलेगी और समयबद्ध तरीके से कार्य पूरा किया जाएगा। यह भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास सिद्ध होगा और दुनिया भर में भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की प्रभावशीलता को और प्रकट करेगा।