भाजपा की प्रेस वार्ता: आरक्षण और ओबीसी अधिकारों पर उपमुख्यमंत्री अरुण साव का स्पष्ट बयान
रायपुर : आज रायपुर के कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में आयोजित भाजपा प्रदेश कार्यालय में प्रेस वार्ता के दौरान, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण देव ने ओबीसी आरक्षण और पिछड़े वर्ग के अधिकारों को लेकर कई महत्वपूर्ण बातें साझा कीं। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि भाजपा अनारक्षित सीटों पर पिछड़े वर्ग को पर्याप्त प्रतिनिधित्व देने के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही उन्होंने कांग्रेस पर झूठ और षड्यंत्र की राजनीति करने का आरोप लगाया।
पिछड़े वर्ग को अधिक प्रतिनिधित्व देने की घोषणा
प्रदेश अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि पार्टी पिछड़े वर्ग को उचित आरक्षण देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और इस संदर्भ में राज्य में सभी आवश्यक संशोधन किए जा चुके हैं। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि किसी वर्ग के आरक्षण में कमी नहीं की जाएगी।
कांग्रेस पर निशाना: आरक्षण विरोधी रवैये के आरोप
प्रदेश अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस ने हमेशा से आरक्षण का विरोध किया है। पंडित नेहरू, इंदिरा गांधी, और राजीव गांधी के समय की घटनाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने बार-बार आरक्षण की नीतियों को हतोत्साहित किया। श्री साव ने बताया कि कांग्रेस की पिछली सरकारों ने ‘कालेलकर आयोग’ और ‘मंडल आयोग’ की अनुशंसाओं को लंबे समय तक लागू नहीं किया और आरक्षण की दिशा में प्रगति को रोक दिया।
उन्होंने 1961 में पंडित नेहरू द्वारा मुख्यमंत्रियों को लिखे गए पत्र का उल्लेख किया, जिसमें आरक्षण को दोयम दर्जे की प्रणाली बताया गया था। इसी प्रकार, राजीव गांधी के आरक्षण पर नकारात्मक विचारों को भी प्रस्तुत किया गया।
आरक्षण के संवैधानिक प्रावधान और ट्रिपल टेस्ट प्रक्रिया
श्री साव ने आरक्षण के लिए लागू संवैधानिक प्रावधानों को विस्तार से समझाया। उन्होंने बताया कि संविधान के 73वें और 74वें संशोधन अधिनियम के तहत पंचायत और नगरीय निकायों में अनुसूचित जाति, जनजाति, और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने ट्रिपल टेस्ट प्रक्रिया की आवश्यकता पर जोर दिया, जिसके अंतर्गत किसी भी राज्य सरकार को ओबीसी आरक्षण प्रदान करने से पहले आयोग का गठन करना और उसकी अनुशंसाओं को लागू करना अनिवार्य होता है। छत्तीसगढ़ सरकार ने इस प्रक्रिया का पालन करते हुए राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग का गठन किया और उसकी रिपोर्ट के आधार पर आरक्षण का प्रावधान तय किया।
अन्य राज्यों की तुलना और छत्तीसगढ़ का दृष्टिकोण
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ ने ओबीसी आरक्षण को सही अनुपात में लागू करने के लिए सभी संवैधानिक उपाय किए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि झारखंड जैसे राज्यों ने आयोग की रिपोर्ट न होने के कारण पंचायत चुनावों में ओबीसी आरक्षण लागू नहीं किया, जबकि छत्तीसगढ़ ने इस दिशा में पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता बरती है।
संविधान और उच्चतम न्यायालय के आदेश का पालन
श्री साव ने बताया कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार, ओबीसी आरक्षण को 50% सीमा के तहत ही लागू किया गया है। उन्होंने छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम, नगर पालिका अधिनियम और निगम अधिनियम में हुए संशोधनों को विस्तार से समझाया, जो इस आरक्षण प्रणाली की कानूनी बुनियाद को मजबूत बनाते हैं।
राजनीतिक जवाबदेही और भाजपा की प्राथमिकताएं
प्रेस वार्ता के दौरान, भाजपा के अन्य नेताओं ने कांग्रेस पर झूठी राजनीति का आरोप लगाया और कहा कि कांग्रेस मुद्दों की राजनीति करने में विफल हो चुकी है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि भाजपा हमेशा हर वर्ग के अधिकारों के संरक्षण और उनके उत्थान के लिए खड़ी रहेगी।
उपस्थित प्रमुख नेता
इस अवसर पर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं जैसे मंत्री टंकराम वर्मा, लक्ष्मी राजवाड़े, प्रदेश महामंत्री भरत वर्मा, भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी, और सह प्रभारी अनुराग अग्रवाल ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज की।
इस प्रेस वार्ता ने राज्य की राजनीतिक स्थिति, आरक्षण नीति, और सामाजिक समानता पर भाजपा के दृष्टिकोण को स्पष्ट रूप से जनता के समक्ष प्रस्तुत किया।