सिडनी टेस्ट विवाद: नवजोत सिद्धू का तीखा हमला, “कप्तान को हटाना टीम मनोबल को तोड़ता है”
सिडनी: भारतीय कप्तान रोहित शर्मा के अंतिम टेस्ट मैच में प्लेइंग इलेवन से बाहर किए जाने पर विवाद गहराता जा रहा है। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच जारी पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के निर्णायक मुकाबले में रोहित के स्थान पर जसप्रीत बुमराह कप्तानी कर रहे हैं। रोहित के इस फैसले पर पूर्व क्रिकेटर और राजनेता नवजोत सिंह सिद्धू ने कड़ा विरोध जताया। उन्होंने इसे भारतीय क्रिकेट में कप्तानी के मूल्यों के खिलाफ बताया और कहा कि इससे खिलाड़ियों के बीच गलत संदेश जाता है।
सिद्धू ने क्या कहा?
नवजोत सिंह सिद्धू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “एक्स” पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए इस घटना पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, “कप्तान को सीरीज के बीच में टीम से बाहर करना असामान्य और गलत संकेत देने वाला है। भारतीय क्रिकेट के इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है। कप्तान को खेल में बनाए रखना न केवल उनकी भूमिका का सम्मान है, बल्कि टीम का मनोबल बनाए रखने के लिए भी जरूरी है।” सिद्धू ने इस घटना को “अजीब और परेशान करने वाला” करार दिया और भारतीय क्रिकेट बोर्ड व टीम प्रबंधन पर सवाल उठाए।
रोहित का प्रदर्शन और विवाद की पृष्ठभूमि
ऑस्ट्रेलिया के मौजूदा दौरे पर रोहित शर्मा का प्रदर्शन सवालों के घेरे में रहा है। पांच टेस्ट मैचों की इस सीरीज में उन्होंने अब तक निराशाजनक बल्लेबाजी की है, जहां वह पांच पारियों में केवल 31 रन ही बना सके हैं। उनके स्कोर क्रमश: 9, 3, 10, 6 और 3 रन रहे हैं। इससे पहले, न्यूजीलैंड के खिलाफ भी उन्होंने तीन टेस्ट मैचों में केवल 93 रन बनाए थे, और भारत वह सीरीज 3-0 से हार गया था।
रोहित की कप्तानी को लेकर भी आलोचना हुई है। मेलबर्न टेस्ट में उन्होंने शुभमन गिल, जो शानदार फॉर्म में थे, को बाहर कर दिया और उनकी जगह यशस्वी जायसवाल को ओपनिंग का मौका दिया। इस फैसले की न केवल क्रिकेट विशेषज्ञों, बल्कि फैंस के बीच भी आलोचना हुई थी।
सिडनी टेस्ट का घटनाक्रम
सिडनी में खेले जा रहे अंतिम टेस्ट में टॉस के दौरान जसप्रीत बुमराह कप्तान के तौर पर आए और बताया कि रोहित शर्मा ने इस मैच से बाहर रहने का विकल्प चुना है। रोहित का यह निर्णय उनकी खराब फॉर्म और मौजूदा दबाव को देखते हुए लिया गया माना जा रहा है। हालांकि, टीम प्रबंधन का कहना है कि रोहित ने आराम करने का निर्णय स्वयं लिया है, लेकिन इसके पीछे की मंशा पर क्रिकेट पंडित सवाल उठा रहे हैं।
सिद्धू के आरोप के क्या हैं मायने?
नवजोत सिद्धू का मानना है कि कप्तान को टीम का प्रतिनिधित्व करने का हर अवसर मिलना चाहिए, भले ही वह फॉर्म में न हो। उन्होंने कहा कि कप्तान को हटाना न केवल उसके आत्मविश्वास को तोड़ता है, बल्कि टीम के बाकी सदस्यों को भी असमंजस की स्थिति में डालता है। सिद्धू ने यह भी आरोप लगाया कि रोहित को बाहर करने का फैसला किसी बड़ी साजिश का हिस्सा हो सकता है।
सामाजिक मीडिया और क्रिकेट जगत की प्रतिक्रियाएं
सिद्धू के बयान के बाद क्रिकेट फैंस और विशेषज्ञों के बीच बहस छिड़ गई है। कई लोग इसे रोहित के खराब प्रदर्शन का परिणाम मानते हैं, जबकि कुछ का मानना है कि टीम प्रबंधन को कप्तान के प्रति अधिक समर्थन दिखाना चाहिए।
क्या है भारतीय क्रिकेट के लिए भविष्य की दिशा?
रोहित शर्मा का सिडनी टेस्ट से बाहर होना, चाहे उनकी फॉर्म हो या उनकी मर्जी, भारतीय क्रिकेट के लिए एक गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है। कप्तानी का यह प्रकरण न केवल रोहित की भूमिका बल्कि भविष्य के कप्तान चुनने की प्रक्रिया पर भी प्रभाव डालेगा। सिद्धू के बयानों ने इस बहस को और तीखा बना दिया है, और अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि बीसीसीआई इस मामले पर क्या रुख अपनाता है।
