“‘गेम चेंजर’ के गानों में खर्च हुए 75 करोड़ रुपये, जानें क्यों ये संगीत है बॉलीवुड के सबसे महंगे और भव्य संगीत में से एक”

‘गेम चेंजर’ , राम चरण और कियारा आडवाणी की आगामी फिल्म ‘गेम चेंजर’ इस समय सुर्खियों में है, लेकिन केवल अपनी दिलचस्प कहानी के कारण नहीं, बल्कि अपनी भव्यता और विशेष रूप से इसके संगीत के लिए भी यह फिल्म चर्चित हो रही है। फिल्म के संगीत पर निर्माताओं ने अभूतपूर्व खर्च किया है, जो दिखाता है कि यह संगीत न केवल फिल्म की कहानी का अहम हिस्सा है, बल्कि इसे एक बेहतरीन और यादगार अनुभव बनाने के लिए अपार संसाधन लगाए गए हैं। कुल मिलाकर, फिल्म के चार गानों के निर्माण पर लगभग 75 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, जो कि एक बड़े बजट फिल्म के निर्माण से भी ज्यादा है।

फिल्म के गानों के खास अंदाज पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। फिल्म में एक प्रमुख गाना ‘जरागंडी’ है, जिसकी शूटिंग बड़े स्तर पर की गई है। इस गाने की कोरियोग्राफी को प्रसिद्ध डांसर-कोरियोग्राफर प्रभु देवा ने किया है और यह गाना 600 से ज्यादा डांसरों के साथ 13 दिनों में शूट किया गया है। गाने के सेट को एक शानदार 70 फीट ऊंची पहाड़ी के गांव में तैयार किया गया था, जिससे यह दृश्य भव्यता के मामले में सबसे अलग हो गया है। इतना ही नहीं, गाने में उपयोग किए गए कपड़े पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल जूट से बनाए गए थे, जिससे यह न सिर्फ भव्य बल्कि ईको-फ्रेंडली भी बना।

वहीं, फिल्म के एक अन्य गाने ‘ना ना हायराना’ को लेकर भी खास बातें हैं। यह गाना अपनी तकनीकीता और कलाकारों की मेहनत के कारण खास माना जा रहा है, क्योंकि इसे भारत का पहला गाना बताया जा रहा है जिसे इन्फ्रारेड कैमरे से शूट किया गया है। गाने में पश्चिमी और कर्नाटकी संगीत का अनूठा मिश्रण है, जिसे न्यूजीलैंड में शूट किया गया है। गाने की कोरियोग्राफी को जानी मास्टर ने संभाला है, जबकि गाने में 100 रूसी डांसरों ने भाग लिया है। इस गाने की शूटिंग सिर्फ 8 दिनों में की गई है, लेकिन इसकी ऊर्जा और प्रदर्शन में किसी प्रकार की कमी नहीं आई है। गाना पॉपुलर दर्शकों को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है, जिसमें डांस के स्टेप्स और ऊर्जा को पूरी तरह से महसूस किया जा सकता है।

‘गेम चेंजर’ का संगीत केवल इसके दृष्य दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि इसे बनाने के लिए लगाए गए विशाल बजट और अनूठी कोरियोग्राफी के कारण भी उद्योग में एक नई मिसाल कायम कर रहा है। फिल्म न केवल भारत की सांस्कृतिक धरोहर की झलक दर्शाएगी, बल्कि इसमें तकनीकी इनोवेशन और उच्चतम स्तर के परफॉर्मेंस भी देखने को मिलेंगे, जो दर्शकों को चमत्कृत करने के लिए तैयार हैं।