बांग्लादेश चुनाव 2025: ‘शेख हसीना की अवामी लीग आम चुनाव में भाग लेने के लिए स्वतंत्र’,मुख्य चुनाव आयुक्त ने दी स्पष्टता
ढाका : बांग्लादेश में आगामी आम चुनाव को लेकर चुनाव आयोग और अंतरिम सरकार द्वारा विभिन्न महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। चुनाव प्रक्रिया, मतदाता सूची, और राजनीतिक दलों की भागीदारी पर चर्चाओं के बीच, देश में चुनावी माहौल गरमा गया है। चटगांव सर्किट हाउस में एक विशेष बैठक के दौरान, मुख्य चुनाव आयुक्त एएमएम नसीरुद्दीन ने चुनावी प्रक्रिया, मतदाता सूची, और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने की रणनीतियों पर प्रकाश डाला।
चुनाव आयोग का दृष्टिकोण और तैयारियां
मुख्य चुनाव आयुक्त नसीरुद्दीन ने जोर देकर कहा कि बांग्लादेश का चुनाव आयोग स्वतंत्र रूप से काम कर रहा है और किसी भी प्रकार के बाहरी दबाव से मुक्त है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक अंतरिम सरकार या न्यायपालिका की ओर से कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जाता, तब तक पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग चुनावों में भाग लेने के लिए स्वतंत्र है।
उन्होंने भरोसा दिलाया कि चुनाव आयोग निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है। पिछले चुनावों में मतदाता पंजीकरण में आई गिरावट और फर्जी मतदाताओं के मुद्दे को स्वीकार करते हुए, नसीरुद्दीन ने कहा कि चुनाव आयोग ने इन समस्याओं से निपटने के लिए महत्वपूर्ण सुधारों पर काम शुरू कर दिया है।
मतदाता सूची का अद्यतन और मतदान प्रक्रिया में सुधार
मुख्य चुनाव आयुक्त ने घोषणा की कि मतदाता सूची को अगले छह महीनों के भीतर अद्यतन कर दिया जाएगा। चुनाव प्रक्रिया को लेकर बढ़ रहे अविश्वास को दूर करने के लिए, चुनाव आयोग ने इस बार चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी और तकनीकी रूप से उन्नत बनाने का संकल्प लिया है।
यह भी बताया गया कि आगामी चुनाव में नए पैटर्न का पालन किया जाएगा, ताकि पूर्व की त्रुटियों को सुधारा जा सके। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि मतदाता सूची को प्राथमिकता के आधार पर अद्यतन करें और जनता का भरोसा जीतने के लिए उचित उपाय करें।
मतदान की न्यूनतम आयु में बदलाव की सिफारिश
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार, मोहम्मद यूनुस ने मतदान की न्यूनतम आयु सीमा को घटाकर 17 वर्ष करने का सुझाव दिया। यूनुस का मानना है कि युवाओं को उनके भविष्य पर निर्णय लेने का अधिकार दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “युवा पीढ़ी का लोकतंत्र में योगदान बेहद महत्वपूर्ण है, और इससे चुनाव प्रक्रिया में उनका विश्वास बढ़ेगा।”
हालांकि, इस सिफारिश का बांग्लादेश नेशनल पार्टी (बीएनपी) ने विरोध किया। बीएनपी ने कहा कि आयु सीमा कम करने से चुनाव आयोग पर दबाव बढ़ेगा और चुनाव प्रक्रिया में देरी हो सकती है।
आम चुनाव का समय और प्रक्रिया
मुख्य सलाहकार यूनुस ने हाल ही में विजय दिवस के अवसर पर अपने संबोधन में आगामी आम चुनाव के संभावित समय के बारे में जानकारी दी। उन्होंने संकेत दिया कि चुनाव 2025 के अंत से लेकर 2026 की पहली छमाही के बीच आयोजित किए जा सकते हैं। लेकिन यह स्पष्ट किया कि इससे पहले मतदाता सूची का अद्यतन पूरा होना अनिवार्य है।
राष्ट्रीय सहमति के लिए 5 अगस्त के बाद से जारी संवाद प्रक्रिया का जिक्र करते हुए, यूनुस ने कहा कि यह सुनिश्चित करने की कोशिश की जा रही है कि चुनावी मामलों पर सभी राजनीतिक दलों और हितधारकों की सहमति हो।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और चुनौतियां
चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं भी महत्वपूर्ण हैं। अवामी लीग की भागीदारी पर किसी भी प्रकार का प्रतिबंध नहीं होने की पुष्टि के बाद, विपक्षी दल बीएनपी ने चुनाव आयोग पर पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव कराने का दबाव बढ़ा दिया है।
बीएनपी ने मतदाता पंजीकरण में गिरावट और चुनावों के संभावित विलंब को लेकर चिंताएं व्यक्त की हैं। साथ ही, आयु सीमा घटाने जैसे प्रस्तावों का कड़ा विरोध जताते हुए इसे युवा मतदाताओं को प्रभावित करने का प्रयास बताया।
आगामी बांग्लादेश आम चुनाव देश के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकते हैं। चुनाव आयोग की स्वतंत्रता, मतदाता सूची का अद्यतन, युवाओं का बढ़ता योगदान, और राजनीतिक दलों के बीच सहमति, ये सभी कारक चुनाव प्रक्रिया को आकार देंगे।
चुनाव आयोग और अंतरिम सरकार द्वारा उठाए गए कदम जहां एक तरफ लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करने की दिशा में बढ़े कदम हैं, वहीं राजनीतिक विवादों और मतदाता असंतोष ने चुनौतियों को और बढ़ा दिया है।
2025 और 2026 के बीच संभावित आम चुनाव बांग्लादेश के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण समय होगा, जो देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था की दिशा और मजबूती को परिभाषित करेगा।
