रायपुर में प्रदीप मिश्रा की टिप्पणी पर सियासी हलचल, सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने किया समर्थन
रायपुर : रायपुर के सेजबहार क्षेत्र में चल रहे शिव महापुराण कथा के दौरान प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने बिना किसी धर्म विशेष का नाम लिए हुए एक महत्वपूर्ण टिप्पणी की, जो अब सियासी हलकों में भी चर्चित हो रही है। उन्होंने कहा कि बच्चों को पश्चिमी संस्कृति के प्रतीक जैसे लाल रंग के कपड़े और सांता क्लॉज की टोपी पहनाकर उनका मजाक नहीं बनाना चाहिए, बल्कि उन्हें भारतीय वीरों जैसे शिवाजी, महाराणा प्रताप, और झांसी की रानी के कपड़े पहनाने चाहिए। उनके इस बयान का मकसद यह था कि सनातन धर्म की प्रतिष्ठा को मजबूत करना और भारतीय संस्कृति के वास्तविक मूल्यों को बच्चों में पैदा करना।
पंडित मिश्रा ने धर्म और संस्कृति के संदर्भ में यह भी कहा कि सनातन धर्म को अपने वास्तविक स्वरूप में बनाए रखने की आवश्यकता है। उन्होंने न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से, बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी सनातन धर्म की साख को और मजबूत करने की बात की। उनका कहना था कि हमें ऐसे रिवाजों और परंपराओं से बचना चाहिए जो हमारे धर्म के वास्तविक मूल्यों से परे हों। उन्होंने यह भी कहा कि नए वर्ष के समय परंपराएं जैसे दिवाली और नवरात्रि के साथ मान्य होती हैं, जबकि मदिरा सेवन जैसी परंपरा सनातन धर्म का हिस्सा नहीं है।
इस बयान पर राजनीति भी गरमाई, और रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने पंडित मिश्रा के समर्थन में कहा कि उनकी बातें सही थीं और इसमें कोई गलत बात नहीं है। उन्होंने कहा कि आजकल की नई पीढ़ी को अपने धर्म और संस्कृति के प्रति जागरूक करना जरूरी है, ताकि वे बाहरी सांस्कृतिक प्रभावों से बच सकें। सांसद अग्रवाल ने इस बात को भी प्रमुखता से रखा कि सनातन धर्म और उसकी परंपराओं को बनाए रखना, हमारे देश की सांस्कृतिक पहचान को बचाए रखने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
यह पूरा मुद्दा इस समय काफी चर्चित है, क्योंकि पंडित मिश्रा की टिप्पणी पर प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से यह पहल, समाज में सनातन धर्म और भारतीयता के प्रति समर्पण और संवेदनशीलता की चर्चा पैदा कर रही है।