प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2024 से सम्मानित हेमबती नाग बनीं छत्तीसगढ़ की प्रेरणा स्रोत, मुख्यमंत्री साय ने दी शुभकामनाएं
रायपुर /नई दिल्ली: कोंडागांव की हेमबती नाग को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार-2024 से सम्मानित किए जाने पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बधाई देते हुए कहा कि यह केवल हेमबती के परिवार और जिले के लिए नहीं, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश के लिए गर्व और हर्ष का विषय है। हेमबती, जो राष्ट्रीय स्तर की जूडो खिलाड़ी हैं, ने अपने साहस, धैर्य, और कड़ी मेहनत से यह सम्मान प्राप्त किया है। उनका संघर्षपूर्ण जीवन और सफलता प्रदेश की अन्य बेटियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोंडागांव की इस होनहार बेटी ने खेलो इंडिया नेशनल गेम्स और अन्य राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में स्वर्ण, रजत, और कांस्य पदक जीतकर छत्तीसगढ़ का नाम रोशन किया है। कठिन परिस्थितियों का सामना करते हुए, हेमबती ने कभी हार नहीं मानी और अपनी मेहनत और लगन से सफलता के शिखर तक पहुंचीं। उनका यह सफर दिखाता है कि अगर जुनून और आत्मविश्वास हो, तो कोई भी मुश्किल रास्ता रोड़ा नहीं बन सकता।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश की सरकार द्वारा ऐसे प्रतिभाशाली बच्चों को समर्थन और प्रोत्साहन देने की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रतिभाशाली युवाओं को उनके सपनों को साकार करने के लिए हरसंभव मदद और अवसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने इस उपलब्धि को पूरे प्रदेश की बेटियों के लिए एक प्रेरणास्रोत करार दिया और कहा कि यह सिद्ध करता है कि बेटियां हर क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकती हैं।
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु द्वारा हेमबती को इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया जाना, उनके संघर्ष, लगन और उत्कृष्ट प्रदर्शन का प्रतीक है। हेमबती नाग की इस उपलब्धि से छत्तीसगढ़ के हर नागरिक का सिर गर्व से ऊंचा हो गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिटिया हेमबती का जीवन संघर्ष और सफलता की मिसाल है और यह प्रदेश के सभी युवाओं के लिए एक प्रेरक कहानी है। उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की कि वे ऐसे ही सपने देखने वाले बच्चों को प्रोत्साहित करें और उनका साथ दें।
अंत में, मुख्यमंत्री साय ने हेमबती नाग को उनकी इस सफलता पर बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा, “हेम्बती ने साबित किया है कि मेहनत और संघर्ष के माध्यम से असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है। उनकी यह उपलब्धि केवल उनका ही नहीं, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ का गौरव बढ़ाने वाला है।”
