प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 दिसंबर को वर्चुअल माध्यम से गांवों में सम्पत्ति कार्ड का वितरण करेंगे
दुर्ग : छत्तीसगढ़ शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के निर्देशानुसार राज्य में स्वामित्व योजना की शुरुआत की गई है, जिसका उद्देश्य गांवों के घरों के मालिकों को उनके संपत्ति के अधिकारों का रिकॉर्ड प्रदान करना है। इस योजना के तहत राज्य के राजस्व, पंचायती राज और भारतीय सर्वेक्षण विभाग के सहयोग से संपत्ति कार्डों का वितरण किया जाएगा। यह योजना एक ऐतिहासिक कदम है, जिससे ग्रामीण इलाकों में संपत्ति के अधिकारों के निर्धारण में पारदर्शिता और सही रिकॉर्ड व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाएगा।
स्वामित्व योजना के तहत 27 दिसंबर को दोपहर 12:30 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअल माध्यम से संपत्ति कार्ड वितरण कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे, और लाभार्थियों को संबोधित करेंगे। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम के लिए प्रदेश भर में जिला और जनपद स्तर पर नोडल और सहायक नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की गई है, ताकि कार्यक्रम का सफलतापूर्वक संचालन हो सके।
जिला स्तर पर अपर कलेक्टर लता युगल उर्वशा को नोडल अधिकारी बनाया गया है, जबकि उपसंचालक पंचायत काव्या जैन और अधीक्षक भू-अभिलेख अजीत चौबे को सहायक नोडल अधिकारी के रूप में जिम्मेदारी दी गई है। जनपद स्तर पर हरवंश सिंह मिरी को जनपद स्तरीय नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है, और तहसीलदार प्रफुल्ल कुमार गुप्ता व मुख्य कार्यपालन अधिकारी रूपेश पाण्डेय को सहायक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। इसी प्रकार, जनपद पाटन, धमधा और अन्य संबंधित क्षेत्रों में भी नोडल और सहायक नोडल अधिकारियों की नियुक्तियां की गई हैं ताकि प्रत्येक स्तर पर सही जानकारी और व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके।
स्वामित्व योजना का उद्देश्य ग्रामीणों को उनकी संपत्ति के संबंध में कानूनी अधिकार प्रदान करना और उन्हें सरकारी योजनाओं का फायदा उठाने में सहायक बनाना है। यह योजना भूमि रिकॉर्ड को व्यवस्थित और अपडेट करने के साथ-साथ लोगों को उनके संपत्ति अधिकारों की सुरक्षा भी प्रदान करेगी।