“पीएम मोदी की कुवैत में भारतीय कामगारों से प्रेरणादायक मुलाकात”

कुवैत सिटी:   प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुवैत में भारतीय कामगारों के साथ एक भावनात्मक और प्रेरणादायक मुलाकात की, जिसने उनके दूरगामी दृष्टिकोण और मेहनतकश भारतीय नागरिकों के प्रति उनकी गहरी सराहना को उजागर किया। इस विशेष दौरे के दौरान, पीएम मोदी ने गल्फ स्पिक लेबर कैंप का दौरा किया और वहां काम कर रहे भारतीय मजदूरों से बातचीत की। उन्होंने भारतीय कामगारों के योगदान को सराहा और इस बात पर जोर दिया कि भारत के विकास में उनकी मेहनत और योगदान का महत्वपूर्ण स्थान है।

प्रधानमंत्री ने देश के किसानों, मजदूरों और कामगारों की मेहनत की प्रशंसा करते हुए कहा, “जब मैं अपने देशवासियों को 10 घंटे काम करते हुए देखता हूं, तो मुझे लगता है कि मुझे 11 घंटे काम करना चाहिए। यदि वे 11 घंटे काम करते हैं, तो मुझे 12 घंटे देना चाहिए। यह जिम्मेदारी केवल मेरी नहीं है, यह हर उस भारतीय की है जो देश को विकसित और सशक्त देखना चाहता है।”

उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय कामगार केवल अपने व्यक्तिगत जीवन के लिए ही नहीं, बल्कि देश के भविष्य के लिए भी काम कर रहे हैं। पीएम मोदी ने 2047 में भारत को विकसित देश बनाने के अपने सपने को साझा किया और इस सपने को साकार करने में भारतीय कामगारों की भूमिका को बेहद अहम बताया। उन्होंने कहा कि दूरदराज के क्षेत्रों से कामगार केवल अपने परिवार की आजीविका के लिए ही नहीं, बल्कि अपने गांव और देश में बदलाव लाने का सपना लेकर यहां काम कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कामगारों से बातचीत में उनकी महत्वाकांक्षाओं को भारत की असली ताकत करार दिया। उन्होंने कहा कि जब एक मजदूर यह सोचता है कि उसका गांव एक दिन अंतरराष्ट्रीय स्तर का हवाई अड्डा देख सकता है, तो यह सोच ही भारत को प्रगति की राह पर आगे बढ़ाने वाली ऊर्जा का स्रोत बन जाती है।

यह मुलाकात केवल एक संवाद का अवसर नहीं था, बल्कि यह मेहनतकश भारतीय नागरिकों के प्रति प्रधानमंत्री की गहरी संवेदनशीलता और उनका सम्मान दर्शाने का एक माध्यम था। पीएम मोदी की यह बात उनके नेतृत्व की दृष्टि को दर्शाती है कि कैसे वे प्रत्येक भारतीय की मेहनत को अपने प्रयासों का आधार मानते हैं और देश के विकास में उनका योगदान सर्वोपरि रखते हैं।

इस दौरान उन्होंने भारतीय कामगारों से अपील की कि वे अपने सपनों को जिंदा रखें और अपनी मेहनत को भारत की तरक्की का आधार बनाएं। उनकी यह प्रेरणादायक मुलाकात निश्चित ही विदेशों में काम करने वाले भारतीयों के दिलों में गर्व और उम्मीद की भावना भरने वाली साबित हुई।