“कांग्रेस विधायक उत्तरी जांगड़े का रोते हुए आरोप, बलौदाबाजार हिंसा मामले में जबरन FIR दर्ज कर विरोध जताया”

रायपुर :  बलौदाबाजार हिंसा मामले में विवाद गहराता हुआ नजर आ रहा है, जब सारंगढ़ की कांग्रेस विधायक उत्तरी जांगड़े और नगर पालिका अध्यक्ष के पति अजय बंजारे के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। यह एफआईआर दोनों के भड़काऊ भाषणों के चलते दर्ज हुई है। भाजपा ने इस मामले की शिकायत पुलिस से की थी, जिसके बाद सिटी कोतवाली थाने में भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया। इस मामले ने राजनीतिक हलकों में तूल पकड़ लिया है, और काफ़ी विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।

12 दिसंबर को रानी लक्ष्मीबाई व्यवसायिक परिसर सारंगढ़ में कांग्रेसियों ने एक दिवसीय प्रदर्शन आयोजित किया था, जहां कांग्रेस विधायक उत्तरी जांगड़े ने कथित रूप से अपने भाषण में कार्यकर्ताओं को उकसाया। विधायक ने यह कहा कि, “यहां से हम सभी को कलेक्टर कार्यालय जाना है, और केवल बाहर से नहीं बल्कि अंदर जाकर तोड़फोड़ करनी है। बलौदाबाजार जैसी स्थिति यहां भी बनानी है।” विधायक के इस भड़काऊ बयान ने न केवल राजनीतिक तकरार को जन्म दिया, बल्कि स्थिति को और भी संवेदनशील बना दिया है।

एफआईआर के बाद कांग्रेस विधायक उत्तरी जांगड़े रो पड़ीं और उन्हें यह आरोपित किया कि, चूंकि वे दलित विधायिका हैं, इसलिए उनके खिलाफ यह प्रताड़ना की जा रही है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पहले उनके पति अजय बंजारे पर और अब उन पर एफआईआर की गई है। कांग्रेस की महिला विधायकों ने इस दौरान उत्तरी जांगड़े के आंसू पोंछते हुए उन्हें सांत्वना दी।

यह मामला दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों, भाजपा और कांग्रेस, के बीच गरमाता हुआ मुद्दा बन गया है। भाजपा का आरोप है कि इस तरह के भड़काऊ भाषण से सार्वजनिक सुरक्षा को खतरा हो सकता है, जबकि कांग्रेस इसे राजनैतिक दमन और असहमति की आवाज दबाने के रूप में देख रही है। अब यह देखना होगा कि क्या पुलिस इस मामले की जांच में कड़े कदम उठाती है, या फिर राजनीतिक दबाव में आकर इसे दबा दिया जाता है।