तमिलनाडु में बाढ़ संकट: पीएम मोदी ने सीएम स्टालिन को हरसंभव सहायता का भरोसा दिलाया
चेन्नई: तमिलनाडु और पुडुचेरी में चक्रवाती तूफान ‘फेंगल’ ने भारी तबाही मचाई है, जिसके चलते राज्य में व्यापक स्तर पर जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। तूफान के प्रभाव से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने उत्तरी तमिलनाडु के कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति पैदा कर दी है। विल्लुपुरम जिले में सड़कों और घरों में पानी भरने के कारण स्थानीय लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, तिरुवन्नामलाई जिले में एक दर्दनाक हादसे में एक घर भूस्खलन की चपेट में आ गया, जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई। इस घटना में दो लोग अब भी लापता हैं, जिनकी तलाश में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीमें जुटी हुई हैं।
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने हालात पर चिंता व्यक्त करते हुए जानकारी दी कि इस प्राकृतिक आपदा से राज्य में 69 लाख परिवार और करीब 1.5 करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से 2000 करोड़ रुपये की तत्काल सहायता राशि जारी करने का अनुरोध किया है ताकि राहत और पुनर्वास कार्यों को गति दी जा सके।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस गंभीर स्थिति पर संज्ञान लिया और मुख्यमंत्री स्टालिन से फोन पर बातचीत कर तमिलनाडु में बाढ़ और चक्रवात से उत्पन्न संकट के बारे में जानकारी प्राप्त की। प्रधानमंत्री ने राज्य को हरसंभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया और प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों को प्राथमिकता देने का आग्रह किया।
वर्तमान में एनडीआरएफ और राज्य सरकार की टीमें मिलकर प्रभावित इलाकों में राहत कार्यों को अंजाम दे रही हैं। भोजन, पानी, दवाइयों और अस्थायी आवास की व्यवस्था के लिए विशेष शिविर लगाए गए हैं। राज्य सरकार ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और उन्हें आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने के लिए सभी जिला प्रशासन को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।
चक्रवात ‘फेंगल’ की यह आपदा तमिलनाडु के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आई है। इसे देखते हुए सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे सुरक्षित स्थानों पर रहें और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें। राहत कार्यों के बीच यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि महामारी जैसी स्थिति पैदा न हो और प्रभावित इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर तरीके से संचालित हों।
