“अजमेर शरीफ दरगाह को शिव मंदिर बताने वाली याचिका पर गहरा विवाद, ओवैसी ने भाजपा पर साधा निशाना”

नई दिल्ली:  राजस्थान में अजमेर शरीफ दरगाह को शिव मंदिर बताने वाली याचिका को लेकर विवाद गहरा गया है। हाल ही में राजस्थान की एक अदालत ने इस याचिका को स्वीकार कर सुनवाई के लिए नोटिस जारी किया है, जिसे 20 दिसंबर को सुना जाएगा। इस याचिका में दावा किया गया है कि अजमेर शरीफ दरगाह का निर्माण हिंदू मंदिर के अवशेषों से हुआ था, और वहां एक शिवलिंग भी मौजूद है, जिस पर पहले पूजा होती थी। याचिकाकर्ता ने दरगाह को संकट मोचन महादेव मंदिर घोषित करने की मांग की है और इसके सर्वेक्षण की भी अपील की है।

इस मुद्दे पर एआईएमआईएम नेता और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने जमकर विरोध जताया है। ओवैसी ने कहा कि अजमेर शरीफ दरगाह पिछले 800 साल से मौजूद है और इसका ऐतिहासिक महत्व है। उन्होंने इसे हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक बताते हुए कहा कि दरगाह में हर साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई नेताओं द्वारा चादर भेजी जाती है। ओवैसी ने भाजपा और आरएसएस पर आरोप लगाया कि वे इस तरह के विवादों को बढ़ावा देकर देश की एकता और अखंडता को खतरे में डाल रहे हैं।

वहीं, याचिकाकर्ता विष्णु गुप्ता का दावा है कि दरगाह के निर्माण में मंदिर के मलबे का इस्तेमाल किया गया था और इसके परिसर में एक शिवलिंग भी है, जिस पर ब्राह्मण परिवार द्वारा पूजा की जाती थी। उन्होंने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से दरगाह का सर्वेक्षण करने की अपील की है ताकि वहां हिंदू पूजा-अर्चना की अनुमति दी जा सके।

यह विवाद भारत के धार्मिक स्थलों की ऐतिहासिक पहचान को लेकर उभरते संघर्षों का हिस्सा बन चुका है। ओवैसी ने चेतावनी दी कि यदि इस तरह के दावे स्वीकार किए गए, तो आने वाले समय में अन्य धार्मिक समुदाय भी ऐसे मुद्दों को अदालतों में लेकर जा सकते हैं। उनका यह भी कहना था कि अगर ऐसे मुद्दों पर कानूनी फैसले नहीं होते तो यह देश को कमजोर कर देगा और इससे अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे जैसे बेरोजगारी, महंगाई और राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी ध्यान नहीं दिया जा सकेगा।

यह मुद्दा अब न केवल राजस्थान, बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय बन चुका है। अजमेर दरगाह को लेकर बढ़ते विवाद और इसके राजनीतिक प्रभाव को देखते हुए कई संगठन और धार्मिक नेता इसे अपने-अपने तरीके से देख रहे हैं। 20 दिसंबर को होने वाली सुनवाई के बाद इस मुद्दे पर और भी घटनाक्रम सामने आ सकते हैं, जो इस विवाद को और बढ़ा सकते हैं।