“CWC बैठक: कांग्रेस नेताओं ने चुनावी हार पर की चर्चा, पार्टी ने 2024 लोकसभा चुनाव के लिए बनाई रणनीति”
CWC बैठक: कांग्रेस पार्टी ने हाल ही में हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में मिली हार के बाद हार के कारणों पर मंथन करने के लिए कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक बुलाई। इस बैठक में पार्टी के नेताओं ने हार के कारणों का विश्लेषण किया और संगठन के भविष्य के लिए जरूरी कदमों पर चर्चा की। पार्टी के कई दिग्गज नेताओं ने अपनी राय रखी, जिनमें उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल के नाम प्रमुख रहे।
बैठक के दौरान, हरीश रावत ने पार्टी के संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल की जिम्मेदारियों पर भी सवाल उठाए। रावत ने कहा कि वेणुगोपाल पर पार्टी की कई अहम जिम्मेदारियां हैं, और उनकी कड़ी मेहनत की सराहना करते हुए उन्होंने सुझाव दिया कि ये जिम्मेदारियां कुछ अन्य नेताओं के बीच बांट दी जाएं। रावत के मुताबिक, एक व्यक्ति पर बहुत अधिक जिम्मेदारी होने से कार्यभार का दबाव बढ़ता है, और इस कारण से पार्टी का कार्य सुचारू रूप से नहीं चल पाता।
इस बैठक में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी हार के कारणों पर चर्चा की और इस बात पर जोर दिया कि पार्टी को राज्य स्तर के मुद्दों को राष्ट्रीय मुद्दों के साथ जोड़कर जनता के ‘मूड’ को जीत में बदलने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। उन्होंने पार्टी में बड़े बदलाव की आवश्यकता की बात कही और कहा कि संगठन स्तर पर सुधार और कमजोरी को दूर करने के लिए कठोर निर्णय लेने होंगे।
राहुल गांधी ने भी इस बैठक में अपने विचार रखे और कहा कि चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाने का वक्त आ गया है। उन्होंने चुनाव आयोग पर सवाल उठाए और कहा कि चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना अत्यंत आवश्यक है। इसके अलावा, राहुल गांधी ने जातिगत जनगणना और आरक्षण की सीमा बढ़ाने जैसे मुद्दों पर पार्टी के स्पष्ट रुख को भी समर्थन दिया, और कहा कि कांग्रेस को इसी तरह के अन्य मुद्दों पर भी मजबूती से अपनी आवाज उठानी चाहिए।
कांग्रेस की इस बैठक ने पार्टी के भविष्य के लिए जरूरी सुधारों और कदमों की दिशा को स्पष्ट किया, और पार्टी के भीतर अंदरूनी सुधार की जरूरत को भी जाहिर किया। अब देखना यह है कि कांग्रेस इन फैसलों को अमल में लाकर 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए अपनी स्थिति को कैसे मजबूत करती है।
