“कांग्रेस का केंद्र सरकार पर हमला: जीडीपी वृद्धि दर 5.4% पर चिंता व्यक्त, विकास के दावों को बताया असलियत से अलग”

नई दिल्ली:   कांग्रेस पार्टी ने चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही के जीडीपी आंकड़ों को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। विपक्षी पार्टी ने तिमाही में भारत की आर्थिक वृद्धि दर घटकर 5.4 फीसदी रहने को लेकर गंभीर चिंता जताई है, जो पिछले दो वर्षों का सबसे निचला स्तर है। कांग्रेस ने कहा कि यह आंकड़ा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके समर्थकों द्वारा प्रचारित किए गए विकास के दावों से पूरी तरह से मेल नहीं खाता है।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने इस संबंध में कहा कि यह गिरावट भारतीय अर्थव्यवस्था की वास्तविक स्थिति को दर्शाता है और यह स्पष्ट रूप से प्रधानमंत्री मोदी के आर्थिक रिकॉर्ड को चुनौती देता है। रमेश ने यह भी आरोप लगाया कि पिछले आंकड़ों को बार-बार बदलने के बावजूद, मोदी सरकार अपने आर्थिक विकास के लक्ष्यों को पूरा करने में असफल रही है। उन्होंने कहा कि जुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर का 5.4 फीसदी रहना, सबसे नकारात्मक अनुमान से भी कम है।

कांग्रेस ने विनिर्माण क्षेत्र और खनन क्षेत्रों में कमी का हवाला देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “मेक इन इंडिया” और “पीएलआई योजना” जैसे दावों के बावजूद, इन क्षेत्रों में केवल 2.2 फीसदी वृद्धि देखी गई। इसके अलावा, निर्यात में 2.8 फीसदी की गिरावट आई, जबकि आयात में भी 2.9 फीसदी की कमी आई है। रमेश ने कहा कि इन आंकड़ों से यह साबित होता है कि पीएम मोदी का आर्थिक रिकॉर्ड पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल से भी कमजोर रहा है।

वहीं, केंद्रीय सरकार का तर्क है कि भारत अब भी दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बना हुआ है, जबकि 2023 की जुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 8.1 फीसदी थी। हालांकि, विपक्ष का यह आरोप है कि सरकार की नीतियों और घोषणाओं के बावजूद, आर्थिक विकास की गति धीमी हो रही है और यह बदलाव जनता की अपेक्षाओं के अनुसार नहीं है।

कांग्रेस ने इस आंकड़े को ‘नए भारत’ की कड़वी सच्चाई बताते हुए सरकार से तत्काल कदम उठाने की मांग की है, ताकि आर्थिक विकास की गति में सुधार हो सके।