“अरुण साव ने संविधान दिवस पर नागरिकों को अधिकारों के साथ कर्तव्यों की अहमियत पर दिया जोर”
रायपुर : संविधान दिवस के अवसर पर नवा रायपुर स्थित हिदायतुल्ला राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (एचएनएलयू) में उप मुख्यमंत्री और विधि एवं विधाई कार्य मंत्री अरुण साव ने एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस अवसर पर उन्होंने विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों और विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए भारतीय संविधान की महत्ता पर जोर दिया। उन्होंने संविधान को किसी भी ग्रंथ से कहीं अधिक महत्वपूर्ण बताया और कहा कि यह हमारा सर्वोच्च ग्रंथ है, जो प्रत्येक नागरिक को समान अधिकार प्रदान करता है। उन्होंने संविधान की प्रस्तावना को संविधान की आत्मा करार देते हुए कहा कि इसके मूल तत्व को संविधान की प्रस्तावना से स्पष्ट रूप से समझा जा सकता है।
कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने विशेष रूप से नागरिकों के अधिकारों के साथ-साथ उनके कर्तव्यों पर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि अक्सर संविधान में नागरिकों को मिलने वाले अधिकारों पर ही चर्चा होती है, लेकिन मौलिक कर्तव्यों की उपेक्षा की जाती है। उनका कहना था कि हमें सिर्फ अपने अधिकारों का ही नहीं, बल्कि अपने कर्तव्यों का भी पालन करना चाहिए। उन्होंने छात्रों को संविधान की प्रस्तावना का पाठ भी कराया और ‘सीजी लर्न’ का लोगो लॉन्च किया, जिसका उद्देश्य छत्तीसगढ़ में विधि क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करना है।
‘सीजी लर्न’ के माध्यम से राज्य में विधि की शिक्षा और शोध को एक नई दिशा देने की उम्मीद जताई गई। इस पहल से विधि शिक्षा को मजबूती मिलेगी और छत्तीसगढ़ के विधि संस्थान एक दूसरे से जुड़कर शिक्षा के स्तर को ऊंचा कर सकेंगे। साव ने प्रदेश के विधि संस्थानों से आपस में संवाद और सहयोग बढ़ाने की अपील की, ताकि छत्तीसगढ़ में विधि शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊंचाइयां हासिल की जा सकें और राज्य का नाम देशभर में रोशन हो।
कार्यक्रम में एचएनएलयू के कुलपति प्रो. (डॉ.) वी.सी. विवेकानंदन, प्रो. योगेंद्र श्रीवास्तव, डॉ. एन.एल. मित्रा, डॉ. रणवीर सिंह और विपिन कुमार भी मौजूद थे। इस आयोजन ने न केवल संविधान के महत्व को समझने का अवसर दिया, बल्कि छत्तीसगढ़ में विधि शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया।