राज्यपाल रमेन डेका ने छत्तीसगढ़ पवेलियन का भ्रमण कर शिल्प और निवेश योजनाओं की प्रशंसा की
दिल्ली : नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित 43वें भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में छत्तीसगढ़ पवेलियन ने अपनी अनूठी कला, संस्कृति और औद्योगिक विकास की शानदार झलक प्रस्तुत की। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रमेन डेका ने पवेलियन का दौरा किया और वहां प्रदर्शित विभिन्न वस्तुओं और उत्पादों की गहन जानकारी प्राप्त की। उन्होंने शिल्पकारों और उद्यमियों से बातचीत कर उनके कार्यों की सराहना की और उन्हें प्रोत्साहित किया। राज्यपाल ने कहा कि यह मेला छत्तीसगढ़ की विशिष्ट पहचान को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने का एक बेहतरीन मंच है।
राज्यपाल ने पवेलियन में प्रदर्शित छत्तीसगढ़ की कला और संस्कृति की तारीफ करते हुए स्थानीय हस्तशिल्प और शिल्पकारों के उत्थान के लिए हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर, हस्तशिल्प और औद्योगिक प्रगति राज्य की समृद्धि और विकास का प्रतीक हैं।
पवेलियन में छत्तीसगढ़ के परंपरागत शिल्प और जैविक उत्पादों की विस्तृत प्रदर्शनी लगाई गई, जिसमें बेलमेटल शिल्प, कोसा सिल्क, और राज्य के जैविक उत्पाद विशेष आकर्षण का केंद्र बने। इसके अलावा, राज्य की नई औद्योगिक योजनाओं और निवेश की संभावनाओं को भी विशेष रूप से प्रदर्शित किया गया।
इस अवसर पर नई दिल्ली में पदस्थ छत्तीसगढ़ की इन्वेस्टमेंट कमिश्नर श्रीमती ऋतु सैन और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी राज्यपाल के साथ पवेलियन का भ्रमण किया। पवेलियन में निवेशकों के लिए उपलब्ध सुविधाओं और योजनाओं की जानकारी भी दी गई। छत्तीसगढ़ पवेलियन ने न केवल अपनी सांस्कृतिक और औद्योगिक धरोहर को प्रस्तुत किया बल्कि राज्य में निवेश के बढ़ते अवसरों का प्रभावी संदेश भी दिया।
इस आयोजन ने छत्तीसगढ़ की कला, संस्कृति और औद्योगिक विकास को व्यापक पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मेले के माध्यम से राज्य के शिल्पकारों और उद्यमियों को अपनी कृतियों को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने का अवसर मिला, जिससे राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक और आर्थिक धरोहर को नई ऊंचाइयां मिलने की संभावना है।