राहुल गांधी का अडानी पर निशाना: प्रधानमंत्री पर भी लगाए गंभीर आरोप, SECI प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार का आरोप

नई दिल्ली:  अमेरिकी अभियोजकों द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों ने भारतीय उद्योगपति और अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। इन आरोपों के अनुसार, अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और एज्योर पावर जैसी कंपनियों ने भारत में सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के ठेके हासिल करने के लिए सरकारी अधिकारियों को कथित तौर पर भारी रिश्वत दी। यह मामला 12 गीगावाट सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट से जुड़ा है, जो राज्य-स्वामित्व वाली सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) के लिए निर्धारित था।

अमेरिकी न्याय विभाग ने दावा किया है कि गौतम अडानी और उनकी कंपनियों ने 265 मिलियन डॉलर (लगभग 2236 करोड़ रुपये) की रिश्वत दी, ताकि ठेका हासिल किया जा सके। इस राशि को निवेशकों और अमेरिकी बैंकों से गुप्त रखा गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, रिश्वत की बड़ी रकम आंध्र प्रदेश के अधिकारियों को दी गई थी। अडानी ग्रीन एनर्जी पर यह भी आरोप है कि उसने 2021 में झूठे और भ्रामक बयानों के जरिए अमेरिकी और अन्य अंतरराष्ट्रीय निवेशकों से धन जुटाया।

अमेरिकी अभियोजकों का दावा

अमेरिकी अटॉर्नी ब्रायन पीस ने बताया कि इस कॉन्ट्रैक्ट को हासिल करने के लिए एक विस्तृत योजना बनाई गई थी, जिसमें भारतीय अधिकारियों को रिश्वत देने और अपनी संलिप्तता को छिपाने के लिए कोड नेम का इस्तेमाल किया गया। उदाहरण के लिए, गौतम अडानी को “न्यूमेरो यूनो” या “द बिग मैन” कहा जाता था। सभी संचार एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग प्लेटफॉर्म के जरिए किए गए। इस कथित धोखाधड़ी ने अमेरिकी बैंकों और निवेशकों को भी प्रभावित किया, जिन्होंने 175 मिलियन डॉलर से अधिक की राशि का नुकसान उठाया।

राहुल गांधी का बयान

इस मामले को लेकर लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अडानी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, “यह अब स्पष्ट है कि अडानी ने भारतीय और अमेरिकी दोनों कानूनों का उल्लंघन किया है। जबकि मुख्यमंत्रियों को गिरफ्तार किया गया है, अडानी बेखौफ देश में घूम रहे हैं। प्रधानमंत्री अडानी को बचा रहे हैं और उनके साथ भ्रष्टाचार में शामिल हैं।”

अडानी ग्रुप का बयान

इस मामले में अडानी ग्रुप ने भी अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले की अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने गौतम अडानी और उनके परिवार के सदस्यों सहित बोर्ड के अन्य सदस्यों पर अभियोग जारी किया है। अडानी ग्रुप ने फिलहाल प्रस्तावित 600 मिलियन डॉलर के बॉन्ड जारी करने की योजना को रद्द कर दिया है और सभी आरोपों को निराधार बताया।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रभाव

न्यूयॉर्क टाइम्स और ब्लूमबर्ग जैसी प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों ने इस मामले को प्रमुखता से उठाया है। इन रिपोर्ट्स में अडानी ग्रुप पर निवेशकों के साथ धोखाधड़ी और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय मानदंडों के उल्लंघन के गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

यह मामला न केवल गौतम अडानी की कंपनियों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है, बल्कि भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि पर भी सवाल खड़ा करता है। अमेरिकी न्याय विभाग की जांच और राहुल गांधी जैसे नेताओं के तीखे आरोपों ने इस विवाद को और गर्मा दिया है। आने वाले समय में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि यह मामला किस दिशा में आगे बढ़ता है और इसके क्या परिणाम होते हैं।