दिल्ली में प्रदूषण का स्तर सातवें दिन भी ‘खतरनाक’, AQI 500 के पार, स्कूलों में ऑनलाइन कक्षाएं

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार सातवें दिन भी खतरनाक स्थिति में बना हुआ है। मंगलवार सुबह दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 488 दर्ज किया गया, जो इस मौसम का सबसे खराब AQI है। कई इलाकों में AQI 500 को पार कर गया है, जिसमें आनंद विहार, अलीपुर, अशोक विहार, बवाना, मुंडका और कई अन्य इलाके शामिल हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली के कई इलाकों में AQI 500 के आसपास पहुंच गया है, जिससे हवा में भारी प्रदूषण और जहरीले कण PM 10 और PM 2.5 की मात्रा काफी बढ़ गई है।

दिल्ली में GRAP 4 (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) भी लागू किया गया है, जिसका उद्देश्य प्रदूषण को कम करने के लिए विभिन्न कदम उठाना है, लेकिन इसके बावजूद प्रदूषण का स्तर सुधरने का नाम नहीं ले रहा है। सोमवार को दिल्ली का AQI 494 रहा, जो पिछले 5 वर्षों में सबसे खराब था। इस दौरान जहरीले कणों की बढ़ी हुई मात्रा ने लोगों को आंखों में जलन, सांस लेने में परेशानी और स्वास्थ्य संबंधी अन्य समस्याओं का सामना करवा दिया। अस्पतालों में भी मरीजों की संख्या बढ़ गई है।

प्रदूषण के कारण दिल्ली में धुंध की स्थिति भी काफी गंभीर हो गई, जिससे दृश्यता का स्तर घट गया। इसके चलते दिल्ली एयरपोर्ट से 180 विमानों की उड़ानें देरी से हुईं, 15 विमानों को डायवर्ट करना पड़ा, और कई रेलगाड़ियां भी घंटों देरी से चलीं।

दिल्ली सरकार का बड़ा कदम
दिल्ली सरकार ने प्रदूषण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए 10वीं और 12वीं कक्षाओं को अगले आदेश तक ऑनलाइन करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री आतिशी ने मंगलवार को घोषणा की कि अब 10वीं और 12वीं के सरकारी और निजी स्कूलों में कक्षाएं ऑनलाइन मोड में चलेंगी।

डॉक्टरों की सलाह
दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को लेकर डॉक्टरों ने सतर्क रहने की सलाह दी है। उन्होंने बाहरी गतिविधियों को सीमित करने, पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ पीने और घर में हवा की गुणवत्ता सुधारने के लिए HEPA फिल्टर वाले एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करने की सलाह दी है।

गुरु तेग बहादुर अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर डॉ. रजत शर्मा ने कहा कि इस प्रदूषण स्तर पर एन95 मास्क पहनना आवश्यक है क्योंकि यह ठोस कणों (PM 2.5 और PM 10) को रोकने में सक्षम होते हैं। वहीं, सर गंगा राम अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर उज्ज्वल पारख ने भी कहा कि प्रदूषण के इस स्तर पर लोग जितना हो सके बाहरी गतिविधियों से बचें और एन95 मास्क का इस्तेमाल करें, खासकर जो लोग फेफड़ों की बीमारियों से जूझ रहे हैं उन्हें विशेष ध्यान रखना चाहिए।

इस स्थिति को देखते हुए दिल्लीवासियों को सलाह दी जा रही है कि वे अपनी सेहत को ध्यान में रखते हुए बाहर जाने से बचें और आवश्यक सावधानियां बरतें।