“छत्तीसगढ़ राज्योत्सव में उप राष्ट्रपति धनखड़ ने 37 विभूतियों और 4 संस्थाओं को किया सम्मानित, विभिन्न क्षेत्रों में योगदान को सराहा”

छत्तीसगढ़ राज्योत्सव 2024:   6 नवंबर 2024 को छत्तीसगढ़ राज्योत्सव के तहत आयोजित राज्य अलंकरण समारोह में उप राष्ट्रपति  जगदीप धनखड़ ने छत्तीसगढ़ राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले 37 विभूतियों और 4 संस्थाओं को सम्मानित किया। इस भव्य समारोह का आयोजन नवा रायपुर में हुआ, जिसमें राज्यपाल रमेन डेका की अध्यक्षता में समारोह की शुरुआत हुई, और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय तथा विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने विशेष अतिथियों के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

छत्तीसगढ राज्योत्सव-2024

राज्य अलंकरण समारोह के दौरान कई प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान किए गए, जिनमें आदिवासी समुदाय के उत्थान में योगदान के लिए बुटलू राम माथरा को शहीद वीरनारायण सिंह पुरस्कार, अहिंसा और गौ-रक्षा के क्षेत्र में मनोहर गौशाला खैरागढ़ को यति यतनलाल सम्मान, और खेल क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सुश्री छोटी मेहरा को गुण्डाधूर सम्मान जैसे महत्वपूर्ण पुरस्कार शामिल थे। इसके अलावा, महिलाओं के सशक्तिकरण में योगदान देने के लिए अदिती कश्यप को वीरांगना रानी अवंतिबाई लोधी स्मृति पुरस्कार प्रदान किया गया।

सांस्कृतिक और शैक्षिक क्षेत्रों में भी कई विभूतियों को सम्मानित किया गया। पंडित रविशंकर शुक्ल सम्मान अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम जशपुर को, और छत्तीसगढ़ी लोकगीत के क्षेत्र में लक्ष्मण मस्तुरिया सम्मान निर्मला ठाकुर को प्रदान किया गया। कृषि क्षेत्र में डॉ. खूबचंद बघेल सम्मान का सम्मान संयुक्त रूप से शिवकुमार चंद्रवंशी और खेमराज पटेल को मिला। इसके अलावा, स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयुर्वेद चिकित्सा क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए डॉ. मनोहर लाल लहेजा को धनवन्तरि सम्मान से सम्मानित किया गया।

समारोह में जनसंपर्क विभाग द्वारा विभिन्न मीडिया पुरस्कार भी दिए गए। चन्दूलाल चन्द्राकर स्मृति पत्रकारिता पुरस्कार भोलाराम सिन्हा को, और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया (हिन्दी) के क्षेत्र में मोहन तिवारी को प्रदान किया गया।

उप राष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने छत्तीसगढ़ के 36 अलंकरण से विभूतियों एवं संस्थाओं को किया सम्मानित

इस आयोजन ने छत्तीसगढ़ की सामाजिक, सांस्कृतिक, और आर्थिक समृद्धि में योगदान देने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं का सम्मान किया और राज्य के विकास में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर किया। यह समारोह राज्य के अद्वितीय सांस्कृतिक धरोहर और समृद्ध इतिहास का प्रतीक बन गया, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों से चुनिंदा सम्मानित व्यक्तित्वों को उनके योगदान के लिए समर्पित किया गया।