“दरोगा की गुंडागर्दी: मेरठ में ग्रामीणों ने अवैध वसूली के प्रयास को विफल किया”

मेरठ :  उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले से एक गंभीर घटना सामने आई है, जिसमें दो दरोगा अवैध वसूली के लिए एक गांव में गए थे। यह मामला तब चर्चा में आया जब दोनों दरोगा नशे की हालत में पाए गए और ग्रामीणों के साथ उनकी झड़प हो गई। यह घटना गोविंदपुरी गांव में हुई, जहां इन दोनों दरोगाओं ने पटाखों की बिक्री के नाम पर ग्रामीणों से पैसे मांगने का प्रयास किया।

दोनों दरोगा, जो कि परीक्षितगढ़ थाने में तैनात हैं, शनिवार रात पिंटू नामक एक व्यक्ति के घर पहुंचे थे और उससे पैसे की मांग की। इस मांग का विरोध करने पर एक बुजुर्ग महिला ने अपनी आवाज उठाई। हालाँकि, दरोगा ने महिला को थप्पड़ मार दिया, जिसे देखकर वहां मौजूद हरेंद्र नाम के एक शख्स ने भी विरोध किया और वह भी थप्पड़ का शिकार बना। इस उत्पीड़न से ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया और उन्होंने दरोगाओं को बंधक बना लिया।

इस पूरी स्थिति की जानकारी मिलने पर सदर देहात के क्षेत्रीय अधिकारी ने तीन थानों की पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचकर दरोगाओं को बंधक बनाने से छुड़ाया। हालांकि, उनकी गिरफ्तारी के बाद दरोगे थाने से फरार हो गए, जिससे पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठने लगे हैं। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि दरोगा ने पहले पिस्तौल दिखाकर उन्हें डराने की कोशिश की, लेकिन जब ग्रामीणों ने विरोध किया तो स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई।

इस घटना ने उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं, खासकर जब मामला नशे में धुत पुलिसकर्मियों के अवैध वसूली के प्रयास से जुड़ा हो। स्थानीय निवासियों का कहना है कि ऐसी घटनाएं आम हो गई हैं, जिससे उनके विश्वास में कमी आई है। पुलिस के खिलाफ इस तरह के मामलों में बढ़ते आक्रोश को देखते हुए यह जरूरी हो गया है कि प्रशासन इस पर सख्त कार्रवाई करे और यह सुनिश्चित करे कि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।