“भारत-चीन संबंधों में सकारात्मक संकेत, दिवाली पर एलएसी पर मिठाइयों का आदान-प्रदान”
नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच सीमा पर चल रहे तनाव को खत्म करने और सौहार्द्र बढ़ाने के प्रयास में इस दिवाली एलएसी पर एक अनोखी पहल हुई। दोनों देशों के सैनिकों ने पांच सीमा कार्मिक बैठक (बीपीएम) बिंदुओं पर मिठाइयों का आदान-प्रदान कर सौहार्द्र का संदेश दिया। यह दिवाली मिलन इसलिए खास है क्योंकि एक दिन पहले ही विवादित डेमचोक और देपसांग क्षेत्रों से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी की गई है, और जल्द ही इन बिंदुओं पर गश्त का संचालन दोबारा शुरू होने की उम्मीद है।
यह मिठाइयों का आदान-प्रदान न केवल पर्व की खुशियों को साझा करने का प्रतीक है, बल्कि इस बात का संकेत भी है कि दोनों देश संबंध सुधारने के लिए एक नई दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। 21 अक्टूबर को भारत-चीन के बीच हुए सीमा समझौते के बाद से यह पहला मौका था जब दोनों देशों के सैनिकों ने खुलकर आपसी सौहार्द्र व्यक्त किया है। यह समझौता पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में 2020 से चले आ रहे विवाद का समाधान लाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है, जिसमें टकराव वाले क्षेत्रों से सैनिकों की वापसी, गश्त के अधिकारों और चराई संबंधी मुद्दों पर सहमति बनी है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि समझौते के तहत सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। उन्होंने आगे कहा कि वापसी के बाद गश्त और चराई के अधिकारों को लेकर स्थायी दिशा-निर्देश बनाने पर काम हो रहा है। दोनों देशों के स्थानीय कमांडरों के बीच गश्त के तरीकों और नियमित सुरक्षा उपायों पर चर्चा जारी है, ताकि भविष्य में किसी भी टकराव से बचा जा सके।
इस दिवाली के अवसर पर एलएसी पर मिठाइयों का यह आदान-प्रदान जहां एक ओर पर्व का उल्लास है, वहीं दूसरी ओर यह दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार की नई संभावना भी दिखाता है। यह पहल इस ओर इशारा करती है कि सुरक्षा और शांति कायम रखने के लिए परस्पर सहयोग और संवाद बेहद आवश्यक हैं।