हरियाणा चुनाव: कांग्रेस के आरोपों पर चुनाव आयोग का फ़ैसला, भाजपा ने उठाए सवाल
नई दिल्ली: हाल ही में चुनाव आयोग ने कांग्रेस द्वारा लगाए गए चुनावी अनियमितताओं के आरोपों को नकारते हुए उन्हें “तथ्यहीन और भ्रामक” करार दिया। कांग्रेस ने हरियाणा विधानसभा चुनावों के दौरान मतगणना की गति में गड़बड़ियां, ईवीएम में तकनीकी खामियां, और बैटरी की स्थिति से संबंधित कई शिकायतें की थीं। इन आरोपों के जवाब में चुनाव आयोग ने करीब 1600 पन्नों में कांग्रेस की शिकायतों का खंडन किया और इस तरह के बेबुनियाद आरोपों को संवैधानिक प्रक्रियाओं के प्रति गैरजिम्मेदाराना आचरण बताया। आयोग ने चेताया कि ये आरोप लोकतंत्र की गरिमा को ठेस पहुंचा सकते हैं और ऐसे बयानों से अस्थिरता और अव्यवस्था फैल सकती है।
इस घटनाक्रम के बाद भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस पर तीखे हमले किए हैं। भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा कि “कांग्रेस की हरकतें लोकतंत्र के प्रति असम्मान का प्रमाण हैं,” और उन्होंने इसे एक ऐसी पार्टी करार दिया जो एक स्वस्थ लोकतांत्रिक व्यवस्था को पचा नहीं सकती। भाजपा के वरिष्ठ प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने इस मुद्दे को आगे बढ़ाते हुए कहा कि कांग्रेस जब भी चुनाव हारती है तो संवैधानिक संस्थाओं, ईवीएम, और चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाती है, और चुनाव जीतने पर इन्हें स्वीकृति दे देती है। पूनावाला ने कांग्रेस के रुख को “सुविधाजनक संवैधानिक प्रतिबद्धता” बताया।
इस विवाद के केंद्र में यह विचार उभरकर आया है कि कांग्रेस और भाजपा के बीच चुनावी संस्थाओं और प्रक्रियाओं की विश्वसनीयता पर तकरार तेज होती जा रही है। कांग्रेस ने जहां चुनावी निष्पक्षता को लेकर अपनी चिंताएं व्यक्त की हैं, वहीं भाजपा ने इस चिंता को केवल एक “राजनीतिक रणनीति” करार दिया है।
