अमित शाह ने कहा- सीमा पार से घुसपैठ बंद करना है जरूरी, तभी आएगी बंगाल में स्थिरता
नई दिल्ली: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर पेट्रापोल भू-पत्तन पर एक आधुनिक यात्री टर्मिनल और मैत्री द्वार का उद्घाटन किया, जो दोनों देशों के बीच व्यापार, आवागमन और संबंधों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। शाह ने अपने संबोधन में कहा कि भूमि बंदरगाह भारत और बांग्लादेश के बीच वैध आवाजाही और व्यापार के लिए एक सुरक्षित माध्यम बनाते हैं, जिससे क्षेत्र में शांति और स्थिरता को बढ़ावा मिलता है। शाह ने यह भी कहा कि अवैध आवाजाही पर रोक लगाने के लिए भू-पत्तनों की उपस्थिति अनिवार्य है, क्योंकि जब वैध मार्गों की कमी होती है, तब गैरकानूनी प्रवेश और घुसपैठ की घटनाएं बढ़ जाती हैं, जो देश की सुरक्षा और शांति को प्रभावित करती हैं।
अमित शाह ने अपने संबोधन में पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को समाप्त करने का संकल्प लिया और कहा कि अगर 2026 में भारतीय जनता पार्टी सत्ता में आई, तो बांग्लादेश से अवैध आव्रजन पर सख्त रोक लगाई जाएगी। उनका मानना है कि सीमा पर व्यवस्थित और कड़ी निगरानी से ही बंगाल में स्थिरता और शांति स्थापित हो सकेगी। उन्होंने बंगाल के नागरिकों से अनुरोध किया कि वे बदलाव लाकर इस पहल को सफल बनाएं ताकि राज्य को अवैध गतिविधियों से मुक्त किया जा सके।
नई टर्मिनल सुविधा का उद्घाटन करते हुए शाह ने बताया कि इसे 59,800 वर्ग मीटर में निर्मित किया गया है और इसमें वीआईपी लाउंज, ड्यूटी-फ्री दुकानें, और बुनियादी चिकित्सा सुविधा जैसी कई आधुनिक सुविधाएं शामिल हैं, जिससे रोजाना 20,000 यात्रियों की आवाजाही संभव हो सकेगी। इस भूमि बंदरगाह के माध्यम से भारत और बांग्लादेश के बीच लगभग 70 फीसदी भूमि-आधारित व्यापार होता है, जो दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं में एक महत्वपूर्ण योगदान देता है। भारतीय भूमि बंदरगाह प्राधिकरण के अंतर्गत संचालित यह पत्तन भारत का आठवां सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय आव्रजन केंद्र है, जो सालाना 23.5 लाख से अधिक यात्रियों को सुविधा प्रदान करता है।
शाह की इस यात्रा के दौरान उन्होंने भाजपा के सदस्यता अभियान की शुरुआत भी की और पार्टी के संगठनात्मक मुद्दों पर चर्चा की। पश्चिम बंगाल में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने अमित शाह का गर्मजोशी से स्वागत किया और राज्य में पार्टी को मजबूती प्रदान करने के लिए उनके इस दौरे को महत्वपूर्ण माना।