इस्राइल-अल जजीरा टकराव: गाजा में पत्रकारों पर आतंकी होने का आरोप, चैनल ने बताया सच्चाई दबाने की साजिश
तेल अवीव: इस्राइल और कतर के प्रमुख मीडिया चैनल अल जजीरा के बीच तनाव तब और बढ़ गया जब इस्राइली सेना ने गाजा में मौजूद अल जजीरा के छह पत्रकारों पर आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया। इस्राइली सेना ने दावा किया कि ये पत्रकार हमास और अन्य जिहादी संगठनों से जुड़े हुए हैं, जो गाजा पट्टी में सक्रिय हैं। सेना ने इन पत्रकारों के नाम और तस्वीरें भी जारी कीं, साथ ही यह दावा किया कि उनके पास पुख्ता दस्तावेज हैं, जो इन पत्रकारों के आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त होने की पुष्टि करते हैं। इस्राइली सेना ने यह भी कहा कि इन पत्रकारों ने आतंकी ट्रेनिंग ली है और वे हमास के प्रचार-प्रसार में मदद कर रहे हैं।
इससे पहले, इस्राइल की सेना ने वेस्ट बैंक के रामल्ला में स्थित अल जजीरा के कार्यालय पर छापा मारा था और उसे 45 दिनों के लिए बंद करने का आदेश दिया था। इस्राइल ने अल जजीरा को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा करार देते हुए उसके संचालन पर रोक भी लगा दी थी। इस घटना के बाद से ही दोनों के बीच विवाद और गहरा गया है।
हालांकि, अल जजीरा ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया और उन्हें मनगढ़ंत बताते हुए कहा कि यह इस्राइली सेना द्वारा पत्रकारों को डराने-धमकाने और गाजा के सच को दबाने की साजिश है। अल जजीरा ने कहा कि उनके पत्रकार सिर्फ सच उजागर कर रहे हैं और इस्राइल द्वारा गाजा में किए गए युद्ध अपराधों को सामने ला रहे हैं। चैनल ने इस्राइल पर गाजा के पत्रकारों की हत्या का भी आरोप लगाया और कहा कि वे गाजा के घटनाक्रम की रिपोर्टिंग बंद नहीं करेंगे।
अल जजीरा का कहना है कि यह आरोप गाजा में हो रही जमीनी सच्चाई को छिपाने का प्रयास है। चैनल का दावा है कि हाल ही में उन्होंने इस्राइली सेना द्वारा किए गए कई युद्ध अपराधों का पर्दाफाश किया था, जिसके चलते इस्राइली सेना ने उन पर ये झूठे आरोप लगाए हैं। अल जजीरा ने यह भी कहा कि वे गाजा की स्थिति को उजागर करना जारी रखेंगे, भले ही उन पर कोई भी दबाव क्यों न डाला जाए।
यह विवाद तब और गहराया है जब गाजा में हालिया संघर्षों के दौरान पत्रकारों की भूमिका पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इस्राइल और हमास के बीच लंबे समय से जारी संघर्ष में, मीडिया के इस तरह के आरोप और विरोध का गहराता प्रभाव क्षेत्रीय राजनीति और वैश्विक मीडिया की भूमिका पर बहस को और तेज कर सकता है।
