घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया। वहीं, इस जघन्य अपराध के खिलाफ स्थानीय ग्रामीणों में भारी आक्रोश फैल गया। उन्होंने आज सुबह अस्पताल के बाहर इकट्ठा होकर हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को समझाकर धरना समाप्त कराया। डाबला पुलिस और एफएसएल की टीम ने घटनास्थल का मुआयना किया और मामले की जांच शुरू कर दी।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, नवजात मंगलवार रात अपनी दादी और मां के साथ सोया था। रात करीब एक बजे, जब दादी की आंख खुली, तो उन्होंने देखा कि बच्चा गायब था। परिवार ने बच्चे की खोजबीन शुरू की, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला। अंततः, जब परिवार ने पानी की टंकी की जांच की, तो वहां बच्चे का शव मिला। यह घटना परिवार के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं थी।
डाबला थानाधिकारी राजवीर सिंह ने बताया कि बच्चे का शव रात करीब 2:30 बजे टंकी में मिला। उन्होंने बताया कि बच्चे के पिता, कृष्ण कुमार, जो रतनगढ़ में फायर बिग्रेड में कार्यरत हैं, उस रात ड्यूटी पर थे। जब उन्हें घटना की जानकारी मिली, तो वह तुरंत घर लौटे। एफएसएल टीम और डॉग स्क्वॉड भी घटनास्थल पर बुलाए गए हैं और पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
बच्चे की बुआ, पिंकी ने बताया कि उनके भाई और भाभी की शादी को 8 साल हो चुके थे और यह बच्चा उनके लिए बहुत खास था। उन्होंने कहा कि मंगलवार रात जब उनकी मां ने देखा कि बच्चा उनके पास नहीं है, तो उन्होंने शोर मचाया। सभी परिवार के लोग जाग गए और बच्चे की तलाश शुरू की। जब उन्होंने घर के बाहर रखी प्लास्टिक की पानी की टंकी को खोला, तो वहां बच्चे का शव देखकर उनकी चीख निकल गई।
इस घटना ने पूरे गांव को झकझोर दिया है, और बच्चे की मां की तबीयत भी बिगड़ गई। जब शव मिला, तो वह बेहोश हो गईं। बच्चे के पिता ने हत्या का मामला दर्ज कराया है, लेकिन उन्होंने किसी भी प्रकार की रंजिश या दुश्मनी से इनकार किया है। यह मामला न केवल परिवार के लिए एक बड़ी त्रासदी है, बल्कि समाज के लिए भी एक गंभीर चिंता का विषय है, जहां नवजात बच्चों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठते हैं। पुलिस अब मामले की तहकीकात कर रही है ताकि अपराधियों को सजा दिलाई जा सके।