उत्तर कोरिया और रूस के बीच बढ़ता सैन्य गठबंधन: दिसंबर तक 10,000 सैनिक भेजने की योजना
सियोल : दक्षिण कोरियाई खुफिया विभाग के प्रमुख चो ते यंग द्वारा दी गई जानकारी ने उत्तर कोरिया और रूस के बीच बढ़ते सैन्य सहयोग को उजागर किया है। चो ने बताया कि उत्तर कोरिया दिसंबर तक अपने 10,000 सैनिकों को रूस भेजने की योजना बना रहा है, जिसमें से 1,500 अतिरिक्त सैनिकों को पहले ही भेजा जा चुका है। इन उत्तर कोरियाई सैनिकों को यूक्रेन के युद्ध मोर्चे पर रूस की सहायता के लिए तैनात किया गया है। इस खुलासे ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय, विशेष रूप से दक्षिण कोरिया और उसके सहयोगियों, में चिंताओं को बढ़ा दिया है।
पिछले हफ्ते भी दक्षिण कोरियाई अधिकारियों ने उत्तर कोरियाई सैनिकों की रूस की ओर से लड़ने की जानकारी दी थी, और अब इस तथ्य की पुष्टि संसदीय समिति द्वारा भी की गई है। चो ते यंग ने संसदीय समिति को बताया कि रूस और उत्तर कोरिया के बीच संबंधों में पिछले दो वर्षों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। दोनों देशों ने जून में एक महत्वपूर्ण रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत किसी भी देश पर हमले की स्थिति में वे एक-दूसरे को सैन्य सहायता प्रदान करेंगे। इस समझौते ने उत्तर कोरिया और रूस के बीच सहयोग को और भी मजबूत कर दिया है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने भी हाल ही में दावा किया था कि उनके पास उत्तर कोरिया के 10,000 जवानों के रूस के साथ युद्ध लड़ने की तैयारी की सूचना है। यह बयान उत्तर कोरिया और रूस के बीच सैन्य गठजोड़ की पुष्टि करता है, जो यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में एक चिंताजनक घटनाक्रम है।
दक्षिण कोरिया की खुफिया एजेंसी के अनुसार, उत्तर कोरिया ने अगस्त 2023 के बाद से रूस को 13,000 कंटेनर आर्टिलरी, मिसाइलें, और अन्य हथियारों की आपूर्ति की है। इसके बदले में दक्षिण कोरिया को आशंका है कि रूस उत्तर कोरिया को उन्नत हथियार और तकनीकी सहायता प्रदान कर सकता है। साथ ही, यह भी संभावना है कि रूस, उत्तर कोरिया के परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम को भी समर्थन दे सकता है, जो क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती हो सकती है।
दक्षिण कोरियाई सरकार को डर है कि यह सहयोग केवल यूक्रेन युद्ध तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इससे उत्तर कोरिया के सैन्य और तकनीकी क्षमताओं में वृद्धि होगी, जो अंततः पूरे एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अस्थिरता फैला सकती है। हालांकि अभी तक अमेरिका और नाटो देशों ने उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती की पुष्टि नहीं की है, लेकिन इस खबर ने अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा विशेषज्ञों के बीच चिंता का माहौल पैदा कर दिया है।
उत्तर कोरिया और रूस के बीच इस बढ़ते सैन्य सहयोग से उत्पन्न होने वाले भू-राजनीतिक परिणामों पर नज़र रखना बेहद महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि यह सहयोग न केवल यूक्रेन युद्ध पर प्रभाव डाल सकता है, बल्कि वैश्विक सुरक्षा व्यवस्था को भी चुनौती दे सकता है।
