“मालदीव में UPI सेवा की पहल: राष्ट्रपति मुइज्जू के कदम से डिजिटल लेनदेन को मिलेगा बढ़ावा”
नई दिल्ली: मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने अपने देश में भारत के अत्याधुनिक डिजिटल भुगतान प्रणाली, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) को लागू करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस पहल का उद्देश्य मालदीव की वित्तीय प्रणाली को अधिक कुशल, समावेशी और डिजिटल रूप से सक्षम बनाना है। UPI, जिसे भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा विकसित किया गया है, एक त्वरित वास्तविक समय भुगतान प्रणाली है जो मोबाइल फोन के माध्यम से अंतर-बैंक लेनदेन को बेहद सरल और सुरक्षित बनाती है।
राष्ट्रपति मुइज्जू ने UPI के सुचारु कार्यान्वयन के लिए एक संघ का गठन किया है, जिसमें प्रमुख बैंकों, दूरसंचार कंपनियों, सरकारी उद्यमों और वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनियों की भागीदारी सुनिश्चित की गई है। इस संघ की अगुवाई ट्रेडनेट मालदीव कॉर्पोरेशन लिमिटेड करेगी, जो देश के डिजिटल भुगतान बुनियादी ढांचे को विकसित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। राष्ट्रपति कार्यालय से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, यह निर्णय मंत्रिमंडल की सिफारिश पर लिया गया, ताकि मालदीव की वित्तीय प्रणाली में अधिक समावेशिता और दक्षता लाई जा सके।
इस कदम से मालदीव की अर्थव्यवस्था को कई स्तरों पर लाभ होने की उम्मीद है। वित्तीय समावेश के माध्यम से देश के ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों तक वित्तीय सेवाएं पहुंचाई जा सकेंगी, जिससे वहां के लोगों को आधुनिक बैंकिंग सुविधाओं का लाभ मिलेगा। साथ ही, UPI जैसी तेज और सुरक्षित भुगतान प्रणाली से व्यापार और व्यवसायिक लेनदेन में दक्षता बढ़ेगी, जिससे कारोबार की प्रक्रिया आसान और तेज हो जाएगी। इसके अलावा, डिजिटल बुनियादी ढांचे में सुधार से देश की अर्थव्यवस्था को आधुनिक और स्थायी विकास का रास्ता मिलेगा।
UPI को मालदीव में लाने का विचार पहली बार तब सामने आया, जब भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अगस्त में अपनी तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा के दौरान मालदीव के साथ इस समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इस समझौते का उद्देश्य भारत और मालदीव के बीच आर्थिक और डिजिटल साझेदारी को और गहरा बनाना है। UPI प्रणाली का मालदीव में कार्यान्वयन, न केवल देश के नागरिकों को सशक्त बनाएगा, बल्कि दोनों देशों के बीच वित्तीय और डिजिटल सहयोग को भी एक नई ऊंचाई पर ले जाएगा।
यह निर्णय मालदीव की अर्थव्यवस्था को डिजिटल युग में एक नया आयाम देगा, जिससे देश का डिजिटल बुनियादी ढांचा और वित्तीय लेनदेन प्रणाली अधिक समावेशी, सुदृढ़ और कुशल बनेगी।
