अभिनेत्री इन दिनों अपनी आगामी फिल्म ‘सिंघम अगेन’ की तैयारी में व्यस्त हैं। उन्होंने यह भी बताया कि फिल्मों के चुनाव में उनकी परिपक्वता काफी बढ़ी है। करीना ने कहा कि उनके पिछले असफल शुक्रवार अब अतीत की बात हैं, और यह सब उनके अनुभव, उम्र और समझ का परिणाम है। एक हालिया इंटरव्यू में उन्होंने खुद को फिल्म के चुनाव में अधिक बुद्धिमान बताया। उनका मानना है कि उनकी फिल्म पारिवारिक पृष्ठभूमि और प्रतिभाशाली व्यक्तियों की संगति ने उन्हें वास्तविकता से जुड़े रहने में मदद की है।
करीना ने यह स्पष्ट किया कि हर फिल्म का एक विशेष दर्शक वर्ग होता है, खासकर आज के समय में। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि ‘सिंघम अगेन’ के दर्शक निश्चित रूप से ‘द बकिंघम मर्डर्स’ के दर्शकों से भिन्न हैं। ‘बकिंघम मर्डर्स’ एक अंग्रेजी, मानसिकता और इंडी फिल्म थी, जो शायद मुख्यधारा के दर्शकों के लिए अनुपयुक्त थी। उन्होंने बताया कि दर्शकों को यह समझना चाहिए कि हर फिल्म की एक अलग शैली और दृष्टिकोण होता है, और इसे संतुलित करने की जरूरत है।
इस दौरान, फिल्म निर्देशक हंसल मेहता ने भी ‘द बकिंघम मर्डर्स’ के निराशाजनक प्रदर्शन पर अपनी निराशा व्यक्त की थी। उन्होंने कहा कि आजकल लोग फिल्मों के वित्तीय पहलुओं पर अधिक ध्यान केंद्रित करते हैं, जिससे फिल्म की गुणवत्ता और कहानी को नजरअंदाज किया जाता है। करीना ने भी इस पर सहमति जताते हुए कहा कि फिल्म का असफल होना एक पहलू है, लेकिन दर्शकों को उसकी कहानी और पात्रों पर ध्यान देना चाहिए।
वर्कफ्रंट की बात करें तो करीना कपूर खान हाल ही में ‘क्रू’ और ‘द बकिंघम मर्डर्स’ में नजर आई हैं। इसके अलावा, वह ‘सिंघम अगेन’ के रिलीज की प्रतीक्षा कर रही हैं, जो इस साल दिवाली के मौके पर 01 नवंबर को प्रदर्शित होगी। यह फिल्म रोहित शेट्टी के कॉप यूनिवर्स का हिस्सा है, जिसमें अजय देवगन, अक्षय कुमार, रणवीर सिंह, दीपिका पादुकोण, और अन्य सितारे भी शामिल हैं।
करीना कपूर खान का यह दृष्टिकोण न केवल उनकी परिपक्वता को दर्शाता है, बल्कि यह फिल्म उद्योग की बदलती धारणा को भी उजागर करता है, जिसमें कहानी और पात्रों को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है।