धड़ल्ले से चला रही अवैध प्लाटिंग का खेल, भूमाफिया और अफसरों का घालमेल…

दुर्ग | छत्तीसगढ़ में बीजेपी की विष्णु देव साय सरकार बनते ही स्वयं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अवैध प्लाटिंग को लेकर राज्य के सभी नगर निगमो एवं सभी जिला का कलेक्टरों को सख्त आदेश दिए थे और अवैध प्लाटिंग पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने लेकर सरकार की जीरो टोलरेंस पॉलिसी पर काम करेगी ऐसा आदेश उनके द्वारा दिया गया था परंतु माफियाओं का यह खेल राजस्व विभाग, नगर निगम, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग और अफसरों के मेल के बिना संभव नहीं है

दुर्ग जिले सहित प्रदेशभर में अवैध प्लॉटिंग का खेल बेखौफ चल रहा है। बगैर परमिशन मुरुम की सड़क बनाकर प्लॉट कटिंग करने और बेचने का अवैध कारोबार धड़ल्ले से जारी है। स्थानीय नेताओं और अफसरों के संरक्षण के चलते अवैध प्लॉटिंग करने वालों के हौसले बुलंद हैं। कई जगह तो शिकायतों के बाद भी मॉनिटरिंग के लिए प्रशासनिक टीम स्थलों पर नहीं पहुंच रही है।

दुर्ग भिलाई में तो जिला मुख्यालय से लेकर गांवों तक अवैध प्लॉटिंग व अवैध कॉलोनी का जाल बढ़ता ही जा रहा है। यहां कॉलोनी बनाने के लिए कॉलोनाइजरों को फायदा पहुंचाने के लिए दो

बिना अनुमति प्लॉट की धड़ल्ले से बिक्री की। शिकायत के बाद अब अपर कलेक्टर दुर्ग अरविंद एक्का ने जिला प्रशासन की जांच टीम और निगम की जांच टीम गठित कर सभी जगह अमित प्लाटिंग पर कार्रवाई करने की बात कही है परंतु अगर जिला प्रशासन लगातार ऐसे अमित प्लाटिंग करने वालों और दलालों पर कार्रवाई कर रही है तो इस तरह से वर्तमान में अवैध प्लाटिंग करने वाले दलों के हौसले कैसे बुलंद है और भिलाई नगर निगम के कुरूद में नई प्लाटिंग 10 से 15 एकड़ में कुरूद गांव में लगातार दो-दो जगह पर हो रही है ऐसे ही मामले भिलाई के स्मृतिनगर, दुर्ग में रायपुर-भिलाई हाईवे पर निगम की जमीन पर ताने गए अवैध निर्माण को जमींदोज किया गया।

दुर्ग जिले में सस्ती जमीन के लालच में कई लोग भूमाफिया के जाल में फंसकर जीवनभर की पूंजी गंवा चुके हैं। सवाल यह है कि मजबूत ऑनलाइन सिस्टम का दावा करने के बावजूद इनकी रजिस्ट्री, नामांतरण व नक्शा कैसे पास हो जाता है? जाहिर है, माफियाओं का यह खेल राजस्व विभाग, नगर निगम, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग और अफसरों के मेल के बिना संभव नहीं है। इस सांठगांठ की कड़ी को तोड़ना जरूरी है। इसके लिए लोभ से दूर होकर लोगों में जागरुकता व दोषियों पर कड़ी कार्रवाई जरूरी है। वरना सरकारी ही नहीं, निजी जमीन भी माफिया निगल जाएंगे और पात्र लोग हाथ मलते रह जाएंगे।