राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा का मंदिर भूमि की अवैध बिक्री पर सख्त रुख, एक सप्ताह में कलेक्टर को रिपोर्ट पेश करने का निर्देश
रायपुर : राजधानी रायपुर के चंगोराभांठा में स्थित सीरवेश्वर नाथ महादेव मंदिर से जुड़ी 4.40 एकड़ भूमि की अवैध बिक्री का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने इस गंभीर मामले पर संज्ञान लेते हुए कलेक्टर रायपुर को एक सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। यह कदम तब उठाया गया जब क्षेत्र के निवासियों ने भूमि के अवैध बिक्री और प्लाटिंग को लेकर शिकायत की थी, जिसके तहत उन्होंने मंत्री के समक्ष आवश्यक कार्रवाई की मांग की थी।
इस विवादित भूमि का दान जमींदार गोविंदधर ने महादेव तालाब के किनारे ग्राम समाज को किया था। गोविंदधर के निधन के बाद, मंदिर के सेवक जयलालपुरी ने धोखाधड़ी से अपने नाम पर भूमि का सर्वेक्षण करवा लिया और 1989 में इसे भूमाफिया संजय अग्रवाल को बेच दिया। जयलालपुरी ने यह दावा किया कि गोविंदधर के कोई वारिस नहीं हैं, जबकि वास्तव में गोविंदधर के पुत्र बलरामधर और उनके पोते प्रणव कुमार दीवान इस संपत्ति के वास्तविक वारिस हैं।
भू-माफिया द्वारा अवैध प्लाटिंग की सूचना मिलने के बाद, स्थानीय निवासियों ने 7 जून 2022 को कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त से शिकायत की। इसके परिणामस्वरूप, नगर निगम ने 16 जून 2022 को अवैध प्लाटिंग पर कार्रवाई करते हुए बुलडोजर चलाया था। हालांकि, कोर्ट में लगातार लड़ाई के बावजूद, मंदिर की भूमि अभी भी भू-माफिया के कब्जे में है।
मंत्री टंक राम वर्मा के निर्देशों के बाद अब देखना यह होगा कि कलेक्टर और संबंधित अधिकारी इस मामले में कितनी तत्परता से कार्यवाही करते हैं और दोषियों के खिलाफ क्या ठोस कदम उठाए जाते हैं। यह मामला न केवल अवैध भूमि बिक्री की गंभीरता को उजागर करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि समाज के कमजोर वर्गों के हितों की रक्षा के लिए प्रशासनिक तंत्र कितनी सक्रियता से काम कर रहा है।