मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना से दीपक की सफलता: गांव में खोला लोक सेवा केंद्र, बदली अपनी और परिवार की किस्मत!
जगदलपुर: जिले के बकावंड ब्लॉक के बड़े जिराखाल निवासी दीपक पाण्डेय की कहानी एक प्रेरणादायक उद्यमिता का प्रतीक है। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत लाभान्वित होकर, दीपक ने अपने गांव के ग्रामीणों के लिए लोक सेवा केंद्र और मोबाइल दुकान के माध्यम से विभिन्न सेवाएं उपलब्ध कराई हैं। यह पहल न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारने में मददगार साबित हुई है, बल्कि उन्होंने अपने समुदाय में एक नई उम्मीद और आत्मनिर्भरता की भावना भी जगाई है।
दीपक का गांव जिला मुख्यालय से 45 किलोमीटर और तहसील से 20 किलोमीटर दूर है। उनके परिवार में कुल 10 सदस्य हैं, जिसमें माता-पिता, भाई-भाभी, और पत्नी शामिल हैं। उनके पास 9 एकड़ कृषि भूमि है, जो परिवार के लिए खाद्य सुरक्षा तो देती है, लेकिन बढ़ते परिवार के खर्चों को पूरा करने के लिए अतिरिक्त आय की आवश्यकता थी। दीपक का कहना है कि 10वीं कक्षा तक पढ़ाई करने के बाद उनकी पढ़ाई की रुचि धीरे-धीरे खत्म हो गई, क्योंकि पारिवारिक आर्थिक स्थिति ने उन्हें आगे पढ़ाई करने से रोका। इस परिस्थिति में, वह अपने गाँव में बेरोजगारी और सामाजिक दबाव का सामना कर रहे थे, जिससे उनकी आत्म-सम्मान और इज्जत पर असर पड़ा।
जब दीपक को मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के बारे में जानकारी मिली, तो उन्होंने अपने दो मित्रों के साथ मिलकर योजना के बारे में जानने का निर्णय लिया। जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र जगदलपुर में अधिकारियों द्वारा योजना के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करने के बाद, दीपक ने अपने गाँव में लोक सेवा केंद्र खोलने की इच्छा व्यक्त की। चूंकि उनका घर गाँव के मेनरोड पर स्थित था और वहाँ पहले से कोई लोक सेवा केंद्र नहीं था, यह निर्णय ग्रामीणों के लिए एक महत्वपूर्ण समाधान साबित हुआ।
दीपक ने 3 लाख 60 हजार रुपये की सहायता के लिए आवश्यक दस्तावेजों के साथ जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र में आवेदन दिया। दिसंबर 2021 में, पंजाब नेशनल बैंक ने उनकी ऋण राशि की स्वीकृति दी। इसके बाद, उन्होंने अपने घर के सामने एक कमरा दुकान के रूप में परिवर्तित कर लोक सेवा केंद्र खोला। तीन सालों की मेहनत के बाद, दीपक ने अपनी दुकान से रोजाना 300 से 500 रुपये की आमदनी अर्जित की है, और उनकी ऋण राशि अब 40-50 हजार रुपये रह गई है।
आज दीपक की आर्थिक स्थिति काफी बेहतर हो गई है। उन्होंने अपने पुराने घर की मरम्मत करवाई है और एक मोटरसाइकिल भी खरीदी है। उनके परिवार और गांव में अब उन्हें सम्मान मिल रहा है, और वह अपने परिवार के साथ खुशहाल जीवन जी रहे हैं। दीपक पाण्डेय की कहानी यह दर्शाती है कि साहस, मेहनत और सही दिशा में प्रयास करने से कोई भी अपनी जिंदगी को बदल सकता है और समाज में एक महत्वपूर्ण स्थान बना सकता है।