भीषण सड़क दुर्घटना में एक ही परिवार के चार की मौत, गांव में पसरा मातम
वाराणसी: मिर्जापुर जिले के कटका गांव के पास प्रयागराज-वाराणसी नेशनल हाईवे पर शुक्रवार की भोर एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ, जिसने पूरे क्षेत्र को गमगीन कर दिया। एक तेज रफ्तार ट्रक ने बाइक और ट्रैक्टर-मिक्सर मशीन को टक्कर मार दी, जिससे घटनास्थल पर ही 10 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। यह हादसा मिर्जामुराद थाना क्षेत्र की रामसिंहपुर ग्राम पंचायत के बीरबलपुर बस्ती के लिए एक काला दिन साबित हुआ। जब गांव के लोगों को उनके प्रियजनों के इस भीषण हादसे में जान गंवाने की खबर मिली, तो पूरे गांव में मातम पसर गया। कई घरों में चूल्हे तक नहीं जले और हर तरफ सन्नाटा छा गया।
गांव में मातम और टूटे हुए परिवार
गांव की गलियों में केवल चीखें गूंज रही थीं। ग्रामीण एक-दूसरे को सांत्वना देने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन गम का बोझ ऐसा था कि लोग शब्दों के बिना ही एक-दूसरे का हाथ पकड़कर बस आंखों में आंसू लिए खड़े थे। इस हादसे में सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ एक ही खानदान, जिसमें तीन युवकों और एक किशोर की जान चली गई।
हूबलाल नामक एक वृद्ध पिता के घर में दुःख का पहाड़ टूट पड़ा, जब उन्हें अपने बेटे अनिल और सरोज की मौत की खबर मिली। यह खबर सुनते ही हूबलाल बेहोश हो गए। उनके भाई कन्हैया लाल का बेटा राकेश कुमार उर्फ मुन्ना भी इस दर्दनाक हादसे का शिकार हुआ। वहीं, परिवार के अन्य सदस्य भगेलू का पोता रोशन भी अपनी जान गंवा बैठा। इस त्रासदी ने पूरे खानदान को बिखेर कर रख दिया, जहां अब केवल आंसू और गम बचा है।
घटनास्थल पर अफवाहों और आक्रोश का माहौल
दुर्घटना के बाद घटनास्थल पर क्षत-विक्षत शव और बिखरे हुए वाहन इस बात की गवाही दे रहे थे कि हादसा कितना भीषण था। अफवाहों का दौर भी साथ ही शुरू हो गया, जिसमें 15 से अधिक लोगों की मौत की बात कही जा रही थी। मौके पर पहुंचे पुलिस बल ने तुरंत बचाव कार्य शुरू किया, लेकिन कुछ ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पुलिस मृतकों की सही संख्या छुपा रही है और लाशें गायब कर रही है। इस आरोप के चलते ग्रामीणों ने हाईवे पर जाम लगा दिया और आक्रोशित हो गए।
हालांकि, पुलिस अधिकारियों ने लोगों को समझाया और प्रशासनिक मदद का भरोसा दिलाया, तब जाकर जाम खोला गया। इस बीच एसडीएम गुलाब चंद्र और सीओ अमर बहादुर ने भी मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रण में लिया।
पुलिस की तत्परता ने बचाई जानें
इस दर्दनाक हादसे के बीच पुलिस की तत्परता ने कुछ जानें भी बचाई। जब पुलिस कर्मी घटनास्थल पर पहुंचे, तो वहां के मंजर को देख कर दिल दहल गया। कुछ लोग नाले में फंसे हुए थे और कुछ वाहन के नीचे दबे हुए थे। पुलिसकर्मी तुरंत जूते-मोजे उतारकर नाले में उतरे और वहां फंसे लोगों को बाहर निकालने में जुट गए। उनकी सतर्कता से तीन लोगों की जान बचाई जा सकी।
समय पर क्रेन न पहुंचने से गई और जानें
हादसे में कई लोग ट्रैक्टर-मिक्सर के नीचे दबे थे और उनकी कराहने की आवाजें आ रही थीं। पुलिस और ग्रामीणों ने उन्हें निकालने की पूरी कोशिश की, लेकिन क्रेन के देर से पहुंचने के कारण उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। मौके पर लोगों के बीच चर्चा थी कि अगर समय से क्रेन मिल जाती, तो शायद कुछ और जानें बचाई जा सकती थीं।
वाहनों का बुरा हाल और सड़क की दुर्दशा
ट्रक की तेज टक्कर से ट्रैक्टर और मिक्सर के परखचे उड़ गए थे। ट्रैक्टर के आगे के दोनों पहिए सड़क से बाहर निकल गए थे और बाइक नाले में पड़ी थी। हाईवे की सेफ्टी रेलिंग करीब 10 मीटर तक टूट चुकी थी और सड़क की हालत इस कदर हो गई थी कि रोड लाइट का पोल तक टूट गया था।
गांव में भविष्य की चिंता
इस हादसे के बाद गांव के लोगों के बीच केवल एक ही सवाल गूंज रहा है – अब पीड़ित परिवार का गुजर-बसर कैसे होगा? हादसे में जिन लोगों की जान गई, वे अपने परिवारों के आर्थिक आधार थे। ग्रामीणों को चिंता सता रही है कि अब इन परिवारों का भविष्य क्या होगा, उनके जीवन यापन का क्या साधन बचेगा।
यह हादसा सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि कई परिवारों की खुशियों का अंत बन गया।