तेहरान में खामनेई का जुमे की नमाज के बाद ऐतिहासिक संबोधन: मुस्लिम एकता की आवश्यकता पर जोर
तेहरान: ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामनेई ने शुक्रवार को तेहरान की ग्रैंड मस्जिद में जुमे की नमाज के बाद एक ऐतिहासिक भाषण दिया, जिसमें उन्होंने मुस्लिम समुदाय से एकजुटता की अपील की। इस अवसर पर बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे, जो खामनेई की आवाज सुनने और उनके विचारों को समझने के लिए उत्सुक थे।
अपने संबोधन में खामनेई ने वैश्विक स्तर पर मुस्लिमों की स्थिति पर चिंता व्यक्त की और कहा कि वर्तमान में मुस्लिम समुदाय को जो चुनौतियाँ सामना करनी पड़ रही हैं, उनके पीछे एकता की कमी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर मुस्लिम देश एकजुट होकर काम करें, तो वे बाहरी ताकतों के प्रभाव से बच सकते हैं और अपने अधिकारों की रक्षा कर सकते हैं।
खामनेई ने विभिन्न मुस्लिम देशों के बीच सहयोग और आपसी समर्थन की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि एकता के बिना, मुस्लिम समुदाय को राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने मुस्लिम देशों के नेताओं से भी आग्रह किया कि वे अपनी राजनीतिक प्राथमिकताओं को पीछे छोड़कर इस्लाम के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझें और एकजुटता की दिशा में ठोस कदम उठाएं।
सुप्रीम लीडर ने इस्लामी मूल्यों और शिक्षाओं की भी याद दिलाई, जो एकता, भाईचारे और मानवता की सेवा का संदेश देती हैं। उन्होंने इस्लाम को एक ऐसे धर्म के रूप में प्रस्तुत किया, जो सभी मानव जातियों के लिए सहानुभूति और समानता का पाठ पढ़ाता है।
इस भाषण का उद्देश्य केवल उपस्थित भीड़ तक सीमित नहीं था, बल्कि यह वैश्विक मुस्लिम समुदाय के लिए एक स्पष्ट संदेश था कि उन्हें एकजुट होकर अपने सामूहिक हितों की रक्षा करनी चाहिए। खामनेई के इस प्रकार के संबोधन ने इस्लामिक दुनिया में एक नई दिशा प्रदान की है, जो एकता और सहयोग के महत्व को रेखांकित करती है। इस प्रकार के विचारों का व्यापक प्रभाव हो सकता है और मुस्लिम देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने में सहायक सिद्ध हो सकता है।
